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डेंगू को फैलने से रोकने के लिए डॉक्टरों के परामर्श अनुसार लोगों को जागरूक भी करें: श्री ए0के0 शर्मा

उत्तर प्रदेश

लखनऊः प्रदेश के नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए0के0 शर्मा ने नगरीय निकायों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने निकायों में डेंगू व संचारी रोग के प्रभावी नियंत्रण के लिए डॉक्टरों से परामर्श करें,स्थानीय प्रशासन, स्वास्थ्य एवम् मलेरिया विभाग का भी सहयोग ले। डेंगू को फैलने से रोकने के लिए डॉक्टरों के परामर्श अनुसार लोगों को जागरूक भी करें। कालोनियों,मोहल्लों और वार्डाे में बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए टाउन एरिया कमेटी, मोहल्ला समितियो का सहयोग लिया जाय। लोगो के बीच संचारी रोग एवम् मच्छर जनित बीमारियों से बचाव के लिए प्रचार प्रसार किया जाय। इसके संबंध में स्कूलों/कालेजों के गेट पर पैंफलेट चिपकाए और विद्यार्थियों के बीच पेंटिंग,ड्राइंग व निबंध प्रतियोगिता भी करवाई जाए। उन्होंने डाक्टरों से भी अनुरोध किया है कि वे अपने जिलों में डेंगू को नियंत्रित करने में जिला प्रशासन का सहयोग करे।
नगर विकास मंत्री श्री ए0के0 शर्मा आज ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन(प्ड।), इंडियन अकैडमी आफ पीडियाट्रिक्स(प्।च्), नर्सिंग होम एसोसिएशन,(छभ्।) के डॉक्टरों तथा नगरपालिका, महानगर पालिका के अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक कर प्रदेश में डेंगू के प्रभावी नियंत्रण एवं इसके फैलने के कारणों पर तथा प्रभावित लोगों के बेहतर उपचार के संबंध में चर्चा की।  इस दौरान उन्होंने डॉक्टर पियाली भट्टाचार्य द्वारा प्रस्तुत डेंगू में ’क्या करें और क्या न करें। पर प्रस्तुतीकरण भी देखा।
श्री ए0के0 शर्मा ने कहा कि बच्चों को डेंगू, मलेरिया व संचारी रोग से बचाने के लिए स्कूलों/कलेंजो में भी फागिंग, एंटी लार्वा का छिड़काव एवं स्कूल परिसर की साफ-सफाई कराई जाए। उन्होंने सभी प्रकार की छोटी- बड़ी मशीनों का प्रयोग करने को कहा। वार्डवार मोहल्लावार टीम गठित कर स्वास्थ्य विभाग और मलेरिया अधिकारियों से समन्वय कर प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करें और बीमार लोगों को शीघ्र लाभ पहुंचाने का कार्य करें। उन्होंने बीमारी को फैलने से रोकने के लिए प्राभावित क्षेत्रों में नियमित रूप से नाले-नालियों व जलभराव वाले स्थानों की साफ सफ़ाई कराने, फागिंग, एंटीलार्वा का छिड़काव कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्यों के प्रति लापरवाही, टालमटोल का रवैया, सब ठीक है कि प्रवृत्ति से उबरे और संवेदनशील व जवाबदेह बनकर कार्य करे।
एसजीपीजीआई, लखनऊ की सीनियर कंसलटेंट डॉ पिलानी भट्टाचार्य ने प्रदेश में डेंगू को कंट्रोल करने पर अपना वक्तव्य आ रखा। उन्होंने कहा कि  प्रदेशभर में वर्तमान में डेंगू के 2500 केस हैं और पूरे देश में 8000 केस हैं। प्रदेश के प्रयागराज, लखनऊ, जौनपुर, अयोध्या में इसके काफी मामले हैं। उन्होंने सुझाव दिया की डेंगू को जल्द से जल्द पहचान कर इसके प्रभावी नियंत्रण के लिए नगर विकास एवं स्वास्थ विभाग मिलकर प्रयास करें। तो इससे शीघ्र ही निजात मिल सकती है। उन्होंने कहा कि जिला, तहसील एवं ब्लाक स्तर पर  बैठक कर लोगों को जागरूक किया जाए। लोग डेंगू से बचने के लिए मच्छरदानी का प्रयोग करे और नियमित रूप से फागिंग,एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जाए। लोग अपने घरों में ज्यादा दिनों तक किसी भी पात्र में पानी भरकर न रखें। ट्वायलेट कमोड को भी ढककर रखें। बेकार के टायर,गमलों व बाल्टी में पानी न भरा रहे। इस पर भी ध्यान देना होगा। पानी की एक बूंद भी डेंगू मच्छर के पनपने के लिए काफी है।
डॉ0 संजय राय ने कहा कि इलाज से सावधानी ज्यादा बेहतर है पिछले वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष बेहतर साफ़ सफ़ाई से डेंगू के केस कम आए है और डेंगू घातक रूप भी नहीं ले सका। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन, नगर विकास विभाग और आईएमए के डॉक्टर मिलकर एक दूसरे के पूरक बनकर कार्य करे,तो डेंगू को शीघ्र नियंत्रित किया जा सकता है। डॉ0 सुशील सिन्हा ने कहा की सरकारी और निजी अस्पतालों के आस पास भी फागिंग,एंटी लार्वा का छिड़काव किया जाय,तो डेंगू को रोकने में मदद मिलेगी।
इस दौरान डॉ0 विनीत सक्सेना, डॉ0 प्रदीप सिंह, डॉ0 सुशील सिन्हा, डॉ0 अजीत सहगल के साथ इस मीटिंग में 335 डॉक्टर और 235 विभागीय अधिकारी कुल 570 लोगो ने प्रतिभाग किया।

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