21 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

रक्षा विनिर्माण को और बढ़ावा, डीआईपीपी ने 613 करोड़ रूपए के रक्षा लाइसेंसों को स्‍वीकृति दी

देश-विदेश

नई दिल्ली: औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग (डीआईपीपी) ने मेक इन इंडिया पहल के तहत रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए प्रमुख सुधारों पर कार्य करना प्रारंभ कर दिया है।

इस प्रोत्‍साहन को जारी रखते हुए, 2011 से मई, 2014 के दौरान दिए गये 50 लाईसेंसों की तुलना में पिछले एक वर्ष के दौरान (जून 2014 के बाद से), अब तक रक्षा क्षेत्र में 73 औद्योगिक लाइसेंस जारी किये गये हैं। इनमें 613 करोड़ रुपये के प्रस्तावित निवेश के साथ 16 प्रस्ताव भी शामिल हैं। जिन्‍हें हाल ही में 10 जून 2015 को डीआईपीपी सचिव, की अध्यक्षता में हुई लाइसेंसिंग समिति की बैठक में मंजूरी दे दी गई।

पिछले लाइसेंसिंग समिति की बैठक में स्‍वीकृत किए गये प्रस्ताव पिछले कई वर्षों से लंबित थे इन प्रस्तावों में पीपावाव, टाटा, सैमटेल थेल्स, सोलर इंडस्ट्रीज, टीटागढ़, वैगन, प्रीमियर एक्सप्लोसिव्स जैसे प्रमुख उदयोगों के आवेदन भी शामिल हैं।

शस्‍त्र और हथियारों के विभिन्‍न प्रकारों के विनिर्माण के लिए स्‍वीकृत लाईसेंसों में तोपखाने, टैंक, हेलिकॉप्टरों, विमान, रॉकेट और मिसाइल के अलावा बुलेट प्रूफ जैकेट, बुलेट प्रूफ हेलमेट, गोला बारूद का निर्माण, मोर्टार बम, मिसाइल, ग्रेनेड, युद्ध, रडार, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली रात्रि में देखने में सक्षम उपकरण, बंदूकें, संरक्षित सामरिक वाहन, बख्तरबंद वाहन, बख्तरबंद कार्मिकों के जहाजों, सैन्य फ़्यूज़, यूएवी आदि शामिल हैं।

हाल ही में, सरकार ने रक्षा क्षेत्र में औद्योगिक लाइसेंस की प्रारंभिक वैधता को तीन वर्ष की बढ़ाकर सात वर्ष कर दिया था। इस के अलावा, सरकार ने भारत में कारोबार करने के लिए सुगमता लाने हेतु सुधारात्‍मक उपायों की एक श्रृंखला को कार्यान्वित किया है। सरकार द्वारा अपनाए गये इन उपायों से भारत में रक्षा विनिर्माण के लिए उपलब्ध विशाल अवसरों में निजी भागीदारी को बढ़ावा मिलने की उम्‍मीद हैं।

Related posts

Leave a Comment

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More