लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने तकनीकी तथा व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास के लिए समय की मांग और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा प्रदान करने तथा पाठ्यक्रमों का संचालन किए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों को गुणवत्तापरक और उद्योगों तथा आधुनिक तकनीक की मांग के अनुसार शिक्षा दी जाए, जिससे वे प्रदेश व देश के विकास में भागीदार बन सकें। उन्होंने संसाधनों के बेहतर उपयोग के साथ-साथ तकनीकी व व्यावसायिक शिक्षा तथा कौशल विकास के सम्बन्ध में सार्वजनिक निजी भागीदारी (पी0पी0पी0 मोड) की सम्भावनाओं पर भी विचार करते हुए निर्णय लिए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकारी और निजी संस्थान राज्य में उपलब्ध संसाधनों का लाभ उठाते हुए बेहतर सेवाएं दे सकते हैं।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में तकनीकी व व्यावसायिक शिक्षा तथा कौशल विकास विभाग के प्रस्तुतिकरण के अवसर पर अधिकारियों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण प्रदान करने और उनकी शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाया जाए। सम्बन्धित स्टेकहोल्डर्स के दायित्वों में वृद्धि करते हुए उद्योगों में रोजगार के अवसरों के दृष्टिगत कार्य योजना बनाई जाए। उन्होंने कहा कि शिक्षा में कौशल को बढ़ाते हुए अनुश्रवण व मूल्यांकन पर विशेष ध्यान दिया जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पाॅलीटेक्निक, आई0टी0आई0 तथा अन्य तकनीकी संस्थानों के मानकों और गुणवत्ता की जांच करते हुए गुणवत्तापरक शिक्षा की उत्तम व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। मानकों के अनुसार चलने वाली अच्छी संस्थाओं को प्रोत्साहित किया जाए। यह भी देखा जाए कि सर्टिफिकेट, डिप्लोमा और डिग्री पाठ्यक्रमों को प्रदान करने वाली संस्थाओं व छात्रों का अनुपात निर्धारित मानकों के अनुसार हो। जो संस्थाएं मानकों के विपरीत संचालित हैं, उनके विरुद्ध जांच करते हुए कार्रवाई की जाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि राज्य सरकार तकनीकी व व्यावसायिक शिक्षा तथा कौशल विकास के सम्बन्ध में गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे किसी भी प्रकार का समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि छात्रों को पढ़ाई के अवसर देने के साथ-साथ उत्कृष्ट व गुणवत्तापरक शिक्षा प्रदान करने के लिए कार्य किया जाए। उन्होंने रोजगार के अवसर प्रदान करने वाले उद्यमों व उद्योगों के साथ छात्रों को व्यावहारिक प्रशिक्षण कराए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि व्यावहारिक प्रशिक्षण और समय की मांग के अनुरूप छात्रों को शिक्षा देने से रोजगार की चुनौतियांें का समाधान हो सकेगा।