नई दिल्ली. विदेश में फंसे भारतीयों को वतन वापस लाने के लिए सरकार ने तैयारी पूरी कर ली है. सरकार 7 मई से इसके लिए अभियान शुरू कर रही है. इसके संबंध में गृह मंत्रालय ने मंगलवार को विदेश में फंसे भारतीयों (Indians in Abroad) के लिए गाइडलांइस जारी कर दी हैं. इनमें कहा गया है कि विदेश में फंसे सभी भारतीयों को भारत आने के लिए अपना हवाई टिकट का खर्च खुद ही वहन करना होगा. इसके साथ ही सभी के लिए आरोग्य सेतु एप भी डाउनलोड करना अनिवार्य होगा.
गृह मंत्रालय की ओर से जारी गाइडलाइंस में कहा गया है कि विदेश में फंसे भारतीयों के पास देश लौटने वापस आने के लिए फ्लाइट ऑपरेशन शुरू होने के बाद 30 दिन की मोहलत होगी कि वह टिकट ले सकें. इस समयसीमा में वे वीजा संबंधित सारी औपचारिकताएं पूरी करें और स्वास्थ्य संबंधित सारे प्रोटोकॉल पूरे कर सकें. इसके बाद वे भारत लौट सकेंगे.
गाइडलाइंस में कहा गया है कि भारत सरकार के पास सभी का रजिस्ट्रेशन होना अनिवार्य होगा. आने वाले और जाने वाले यात्रियों को अपने स्वास्थ्य की पूरी जानकारी देनी होगी. हर प्रदेश अपने यहां इसके लिए एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति करें. अगर वे भारत आते हैं तो इनको 14 दिन क्वारंटाइन में रहना होगा और भारत से बाहर जाते हैं तब भी इनको क्वारंटीन रहना होगा. यात्रा का खर्च ऐसे यात्रियों को खुद वहन करना होगा. सारे यात्रियों को आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना अनिवार्य होगा.
बता दें कि भारत सरकार कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण विदेशों में फंसे 14,800 भारतीय नागरिकों को स्वदेश लाने के लिए सात से 13 मई तक 64 उड़ानें संचालित करने की तैयारी में है. एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को बताया कि इन विशेष उड़ानों का संचालन एअर इंडिया और उसकी सहायक एअर इंडिया एक्सप्रेस करेगी. वे 12 देशों- संयुक्त अरब अमीरात, ब्रिटेन, अमेरिका, कतर, सऊदी अरब, सिंगापुर, मलेशिया, फिलीपींस, बांग्लादेश, बहरीन, कुवैत और ओमान से भारतीयों को वतन वापस लेकर आएंगी.वहीं मंगलवार को केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने वर्चुअल प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विदेश में फंसे भारतीयों की सही संख्या तो नहीं बताई लेकिन सरकार की ओर से शुरुआती तौर पर आंकी गई यह संख्या 2 लाख से अधिक है. उन्होंने कहा कि करीब 2 लाख भारतीयों को वापस लाने का अभियान शुरू होगा. अन्य विभागों औेर राज्यों के शामिल होने पर इनकी संख्या बढ़ भी सकती है. Source News18