लखनऊ: गलत खान-पान, रहन-सहन व दिनचर्या से जब शरीर पर चर्बी चढ़ती है तो पेट बाहर निकल आता है, कमर मोटी हो जाती है और कूल्हें भारी हो जाते हैं तथा इसी अनुपात में हाथ-पैर और गर्दन पर भी मोटापा आने लगता है। जबड़ों के नीचे गरदन मोटी होना और तोंद बढ़ना मोटापे के प्रमुख लक्षण है। मोटापे से जहां शरीर भद्दा और बेडौल दिखाई देता है वहीं स्वास्थ्य से संबंधित कई व्याधियां उत्पन्न हो जाती हैं।
हर समय कुछ न कुछ खाने, मिठाइयां, तले पदार्थ का सेवन करने तथा शारीरिक श्रम आदि न करने से मोटापा होता है। प्रायः प्रसूति के बाद कई कारणों से स्त्रियों का पेट बढ़ जाता है। प्रसव के बाद 40 दिन तक बेल्ट बांधकर रखने से पेट बड़ा नहीं हो पाता है। खाने के तुरन्त बाद पानी नहीं पीना चाहिए, बल्कि एक से डेढ घण्टे के बाद ही पानी पीना चाहिए। इससे मोटापा नहीं होता है। इसके साथ ही खाना भूख से थोड़ा कम खाना चाहिए। इससे पाचन भी ठीक रहता है और पेट भी बड़ा नहीं होता है। पेट में गैस के तनाव से पेट बड़ा होने लगता है। स्वस्थ रहने के लिए दोनो समय शौच भी अवश्य जाना चाहिए।
भोजन में शाक-सब्जी, कच्चा सलाद और कच्ची हरी शाक-सब्जी की मात्रा अधिक और चपाती, चावल व आलू की मात्रा कम रखना चाहिए। सप्ताह में एक दिन उपवास या एक बार भोजन करने के नियम का पालन करना चाहिए। उपवास के दिन सिर्फ फल और दूध का ही सेवन करना चाहिए। इसके अतिरिक्त किसी भी पैथी के चिकित्सक के परामर्श के अनुसार खान-पान, शारीरिक व्यायाम व योग आदि कर वजन घटाने का प्रयास करना चाहिए।