विवाहित महिलाओं के लिए हरियाली तीज का त्योहार बहुत महत्व रखता है। क्योंकि सौंदर्य और प्रेम का यह उत्सव भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। सावन माह की शुक्ल पक्ष की तृतीया को हरियाली तीज का त्योहार मनाया जाता है। इस दिन सुहागन स्त्रियां अपने पति की लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ्य के लिए भगवान शंकर और मां पार्वती की पूजा अर्चना करती हैं। इस साल आज यानी कि 3 अगस्त को हरियाली तीज का त्योहार मनाया जाएगा। हरियाली तीज का त्योहार मुख्यता महिलाओं के लिए है।
सावन इस माह में चारों तरफ हरियाली होने के कारण इसे हरियाली तीज कहते हैं। इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने सुहाग की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। वहीं अगर किसी कन्या का विवाह नहीं हो पा रहा है तो, उसे हरियाली तीज का व्रत रखना चाहिए। शादीशुदा महिलाओं को इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा अर्चना करनी चाहिए। सावन के पावन महीने में पूरी पृथ्वी पर हरियाली छाई होती है और अद्भुत प्रकृति के सौंदर्य का आनंद लेने के लिए महिलाएं इस त्योहार पर झूले झूलती हैं और लोक गीत गाकर इस पर्व को मनाती हैं।
हरियाली तीज का समय
3 अगस्त, शनिवार को सुबह 1.36 बजे से शुरू होगी और रात 22.05 बजे (11 बजकर 5 मिनट) पर समाप्त हो जाएगी।
हरियाली तीज की परम्पराएं –
इस पर्व के दिन शादीशुदा महिलाओं के मायके से उनके लिए सिंजारा आता है। इसमें मिठाई और श्रृंगार का सामान होता है, जिसमें मेहंदी, चूड़िया, बिंदी इत्यादि होता है। वहीं, ससुराल में सासू मां अपनी बहुओं को नई साड़ी, कपड़े और श्रृंगार का सामान और दिलाती हैं। इसमें सुहाग का सामान, मेहंदी और आल्ता प्रमुख होता है।
हरियाली तीज का पौराणिक महत्व
पौराणिक मान्यता के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए कठोर तप किया था। इस कड़ी तपस्या से माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया। माना जाता है कि श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया को ही भगवान शिव ने मां पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। हरियाली तीज त्योहार को भी भगवान शिव और माता पार्वती के पुनर्मिलन के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। तभी से ऐसी मान्यता है कि गौरी शंकर ने इस दिन को सुहागिन महिलाओं के लिए सौभाग्य का दिन होने का वरदान दे दिया।
पूजा विधि
इस दिन सुबह उठकर सबसे पहले घर की अच्छे से साफ सफाई करें।
एक चौकी बनाकर काली मिट्टी में गंगाजल मिलाकर भगवान शिव, गणेश, मां पार्वती की मूर्ति बनाएं।
हरियाली तीज के दिन महिलाओं का व्रत रखने का महत्व है।
महिलाओं को इस दिन श्रृंगार में मेहंदी और चूड़ियों का प्रयोग जरूर करें।
मां पार्वती की पूजा के समय इस मंत्र का करें जाप
ॐ उमायै नम:, ॐ पार्वत्यै नम:, ॐ जगद्धात्र्यै नम:, ॐ जगत्प्रतिष्ठायै नम:, ॐ शांतिरूपिण्यै नम:, ॐ शिवायै नम:
भगवान शिव की पूजा के समय इस मंत्र का करें जाप
ॐ हराय नम:, ॐ महेश्वराय नम:, ॐ शंभवे नम:, ॐ शूलपाणये नम:, ॐ पिनाकवृषे नम:, ॐ शिवाय नम:, ॐ पशुपतये नम:, ॐ महादेवाय नम: