केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण और युवा कार्यक्रम व खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने आज कहा कि भूकंप से तबाह तुर्की में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) द्वारा किए जा रहे बचाव और राहत कार्यों की दुनिया भर में व्यापक रूप से सराहना की गई है।
श्री ठाकुर ने नई दिल्ली में एक पुस्तक विमोचन समारोह में मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘एक समय था जब भारत मदद लेता था, सेवाएं लेता था, आज हमने ‘नए भारत’ में (वैश्विक स्तर पर) सहयोग बढ़ाया है, भारत की क्षमता एवं हैसियत बदल गई है, और यह बदलते भारत, एक सशक्त भारत का प्रतिबिंब है।’’
श्री ठाकुर ने कहा, ‘जब प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी कहते हैं कि यह युद्ध का युग नहीं है, तो पूरी दुनिया इस पर गौर करती है।’ उन्होंने कहा, ‘आज हम किसी भी मदद के लिए दुनिया की तरफ नहीं देखते हैं; पूरा विश्व भारत को अवसरों की भूमि के रूप में देखता है, चाहे वह अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन हो या हमारा मिशन लाइफ। यहां तक कि कोविड महामारी के दौरान भी सरकार ने सभी क्षेत्रों में अनगिनत सुधार लागू किए। और रक्षा (क्षेत्र) में हमने 15,000 करोड़ रुपये मूल्य का निर्यात किया है। और अगले तीन साल में हमने 5 अरब डॉलर के निर्यात का लक्ष्य रखा है।’
श्री ठाकुर ने कहा, ‘ संकट काल में हमने हर जगह मदद का हाथ बढ़ाया है, चाहे वह नेपाल हो, अफगानिस्तान हो, या श्रीलंका, इत्यादि हो। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में हम नई ऊंचाईयों को छू रहे हैं।’ उन्होंने कहा, ‘यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत ने 21,000 से भी अधिक छात्रों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया था, जिसमें 18 पड़ोसी देशों के कुछ छात्र भी शामिल थे।’
उन्होंने कहा, ‘ऑपरेशन गंगा चुनौतीपूर्ण था, – भारी गोलीबारी, मिसाइलों की बारिश, और धमाकों के बीच हजारों छात्रों को युद्ध क्षेत्र से सुरक्षित बाहर निकालना मिशन इम्पॉसिबल था। लेकिन प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इसे सफल बना दिया। यह दृश्य तब देखा गया जब कई विदेशी छात्रों ने भारतीय तिरंगा लहराया, ताकि उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा सके।’
श्री ठाकुर ने कहा, ‘यह बड़ी संख्या में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का पहला उदाहरण नहीं था।’
उन्होंने कहा, ‘‘सीरिया में, लीबिया में और यहां तक कि नेपाल में आए भूकंप के दौरान, या अफगानिस्तान में, जहां बड़ी-बड़ी ताकतों के लिए भी काम करना मुश्किल हो गया, प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के सिद्धांत पर अमल करने की मिसाल कायम की है।’’