देहरादून: मुख्य सचिव शत्रुघ्न सिंह ने मंगलवार को सचिवालय में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट एंड इंवेस्टमेंट प्रोग्राम फॉर टूरिज्म के राज्य स्तरीय समिति के बैठक की अध्यक्षता की। उन्होने निर्देश दिए कि प्रगति की लगातार मॉनिटरिंग के साथ-साथ गुणवत्ता की जांच भी कराई जाय। बताया गया कि एडीबी की मदद से तीन चरणों में पर्यटन सम्बंधी बुनियादी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं।
बैठक में बताया गया कि 3 करोड़ रूपये की लागत से आसन बैराज, 1.82 करोड़ रूपये से टाइगर फॉल और लाखामंडल मंदिर, 8.76 करोड़ रूपये से हनोल महासू और पेड़ समाधि, 14 करोड़ रूपये की लागत से विभिन्न साहसिक पर्यटन स्थल, 27 लाख रूपये से यमुना सर्किट का विकास किया गया है। कार्बेट के उत्तरी छोर का विकास 11.84 करोड़ रूपये, साइनेज 47.80 करोड़ रूपये, टिहरी में साहसिक खेल 16 करोड़ रूपये, परिचय पर्यटन केन्द्र 4.62 करोड़ रूपये, नौकुचिया ताल का विकास 13.51 करोड़ रूपये, पिथौरागढ़ से चंडाक तक ट्रेक ट्रेल 89 लाख रूपये, मोस्टामानू मंदिर 99 लाख रूपये, पिथौरागढ़ किले का संरक्षण 4.55 करोड़ रूपये, बौर जलाशय का साहसिक केन्द्र के रूप में विकास 6़.13 करोड़ रूपये की लागत से किया जा रहा है। परियोजना के दूसरे चरण में 7.60 करोड़ रूपये से कार्तिकेय स्वामी मंदिर, 3.97 करोड़ रूपये से दुर्गाधार-तुंगेश्वर सर्किट, रूद्रप्रयाग, चमोली, उत्तरकाशी में ग्रामीण पर्यटन स्थलो का विकास 15.26 करोड़ रूपये, हरिद्वार में पैदल मार्ग 24.29 करोड़ रूपये, सेममुखेम में पर्यटन अवस्थापना विकास 11.65 करोड़ रूपये, नैनीताल में सांस्कृतिक विरासत का संरक्षण 38 करोड़ रूपये, अल्मोड़ा किला(रानी महल) का संरक्षण 30 करोड़ और चंपावत किला(वाणासुर) का संरक्षण 16 करोड़ रूपये से किया जा रहा है। इसके अलावा पौड़ी और टिहरी जनपदों में भी ग्रामीण पर्यटन के विकास, कण्वाश्रम झील विकास 23 करोड़ रूपये, पारम्परिक औषधि और योग प्रशिक्षण केन्द्र का निर्माण 4 करोड़ रूपये की लागत से किये जाने के नये प्रस्ताव पर समिति ने सहमति प्रदान की।
बैठक में प्रमुख सचिव उमाकांत पंवार, सचिव लो.नि.वि. डी.एस.गर्ब्याल, सचिव परिवहन सीएस नपलच्याल, सचिव आवास मीनाक्षी सुंदरम, सचिव पर्यटन शैलेश बगोली, अपर सचिव नियोजन रंजीत सिन्हा सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।