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पर्यटन मंत्री ने साहसिक पर्यटन पर सरकार का अब तक का पहला दिशा-निर्देश जारी किया

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नई दिल्ली: पर्यटन राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) श्री के.जे. अल्‍फोंस ने नई दिल्‍ली में आज साहसिक पर्यटन पर भारत सरकार के दिशा-निर्देश जारी किए। साहसिक खेलों को सुरक्षित बनाने की कोशिश के तहत भारत में साहसिक पर्यटन के लिए सुरक्षा और गुणवत्‍ता मानकों वाला जारी यह दिशा-निर्देश एडवेंचर टूर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इण्डिया (एटीओएआई) के सहयोग से बनाए गए।

     पर्यटन मंत्री ने दिशा-निर्देश जारी करते हुए कहा कि भारत में हिमालय से लेकर समुद्र तटों तक साहसिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। श्री अल्‍फोंस ने कहा कि ये दिशा-निर्देश भारत में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने की एक शुरूआत है और उन्‍होंने इसके विकास में शामिल सभी हितधारकों को पूरा सहयोग देने की बात कही, ताकि इस क्षेत्र की संभावनाओं का दोहन किया जा सके। श्री अल्‍फोंस ने यह भी कहा कि इसके लिए वैश्विक स्‍तर की सुविधाएं विकसित की जाएंगी और कुशल सहयोगी कर्मचारी भी तैयार किया जाएंगे।

    इस अवसर पर पर्यटन सचिव श्रीमती रशिम वर्मा ने बताया कि राज्‍य सरकारों, पर्यटन संचालकों जैसे हितधारकों की सलाह से दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं और अब इन्‍हें अपनाने की जरूरत है, ताकि भारत को अंतर्राष्‍ट्रीय स्‍तर का प्रशंसित साहसिक पर्यटन स्‍थल बनाया जा सके।

   एटीओएआई के अध्‍यक्ष श्री स्‍वदेश कुमार ने दिशा-निर्देश लाने के लिए मंत्रालय और अन्‍य हितधारकों को धन्‍यवाद दिया और बताया कि उनका संघ आयोजित क्षेत्र में सभी हितधारकों को शामिल करने में रूचि लेगा।

   इस पहल का उद्देश्‍य साहसिक टून ऑपरेटरों को इन सुरक्षित दिशा-निर्देशों को बेहतर तरीके से लागू करने में उनकी रूचि को बढ़ाना है। इन दिशा-निर्देशों के तहत भूमि, वायु और जल आधारित गतिविधियां- पर्वतारोहण, ट्रेकिंग, बंजी जंपिंग, पैराग्लाइडिंग, कयाकिंग, स्‍कूबा डाइविंग, स्नॉर्कलिंग, रिवर राफ्टिंग इत्‍यादि शामिल  हैं। यह दिशा-निर्देश 15 भूमि आधारित, 7 वायु आधारित और 7 जल आधारित गतिविधियों के लिए बनाए गए हैं, जिसमें भारत में उपलब्‍घ सभी साहसिक पर्यटन शामिल हैं।

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