देहरादून। उत्तराखंड में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। इसको ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने टिहरी को विश्वस्तरीय पर्यटन स्थल बनाने के लिए कवायद शुरू कर दी है। इसके तहत टिहरी झील में नए बोटिंग प्वाइंट से लेकर पर्यटकों के लिए कई तरह की सुविधाओं का यहां पर विकास किया जाएगा। इस संबंध में गुरुवार को पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने टिहरी में विकास कार्यों को करने के लिए कसंटेंसी सर्विस के साथ बैठक की।
गढ़ी कैंट स्थित उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) के सभागार में आयोजित बैठक में कसंटेंसी सर्विस के प्रतिनिधि ने पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के समक्ष विकास कार्यों की पूरी कार्यप्रणाली प्रस्तुत की। इसमें बताया गया कि जिले में पवित्र और धार्मिक स्थानों के साथ-साथ साहसिक पर्यटन स्थलों का विकास किया जाएगा। इसके साथ ही विदेशों की तरह ही टिहरी में होमस्टे, टिहरी दर्शन के लिए इलेक्ट्रिक बसों का संचालन, ध्यान उद्यान, मनोरंजन पार्क, स्पाइस पार्क समेत कई अन्य कार्य किए जाएंगे। इससे टिहरी में देश के साथ विदेशी पर्यटकों को आकर्षित किया जा सकेगा।
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि पर्यटन उत्तराखंड की आर्थिकी का अहम जरिया है। पर्यटन प्रदेश के लाखों लोगों का रोजगार व आजिवीका का साधन हैं। प्रदेश सरकार साहसिक पर्यटन, पर्यावरण पर्यटन, वेलनेस टूरिज्म, होम स्टे को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए टिहरी में विभिन्न विकास किए जाएंगे। इसके लिए विदेशी पर्यटन नीति के तहत टिहरी को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन हब बनाया जाएगा, जो भविष्य में पर्यटन विकास के लिहाज से अहम साबित होगा। साथ ही उन्होंने कसंटेंसी सर्विस को निर्देश दिए कि इस योजना के लिए हितधारक कसंटेंसी को भी शामिल किया जाए।
बैठक में पर्यटन अपर सचिव युगल किशोर पंत, निदेशक अवस्थापना ले. दीपक खंडूरी, अपर निदेशक विवेक सिंह चौहान, अपर निदेशक पूनम चंद, वरिष्ठ शोध अधिकारी एसएस सामंत, उप निदेशक योगेंद्र कुमार गंगवार, जिला पर्यटन अधिकारी अतुल भंडारी आदि मौजूद रहे।