नई दिल्ली: भारत में पर्यटन क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने के लिए पर्यटन मंत्रालय द्वारा भारतीय उद्योग परिसंघ एवं भारतीय पर्यटन वित्त निगम की साझीदारी में 21 सितंबर से 23 सितंबर, 2016 तक आयोजित‘अतुल्य भारत पर्यटन निवेशक सम्मेलन (आईआईटीआईएस) 2016’ के समापन सत्र में कई घोषणाएं की गईं। पर्यटन मंत्रालय के सचिव श्री विनोद जुत्शी द्वारा की गई इन घोषणाओं में शामिल हैं:
· आईआईटीआईएस के संस्थानीकरण का आयोजन सितंबर, 2017 में आयोजित होने वाले अगले सम्मेलन के साथ सालाना किया जाएगा,
· कार्यनीतिक योजना निर्माण शुरु करने के लिए संबद्ध मंत्रालयों, राज्य सरकारों एवं उद्योग संगठनों की सदस्यता के साथ पर्यटन सचिव की अध्यक्षता में एक कार्य बल का गठन
· निवेशकों का मार्ग निर्देश करने एवं परियोजनाओं में सहायता के लिए एक निवेशक सहायता डेस्क की स्थापना
· पर्यटन मंत्रालय के समर्थन से राज्यों में निवेशक बैठकों का आयोजन करना
गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, उत्तराखंड एवं छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों ने सत्र के दौरान 86 एमओयू का आदान प्रदान किया और कई एमओयू अभी पाइपलाइन में हैं जो कुल मिला कर 15,000 करोड़ रुपये के बराबर है। आईआईटीआईएस-2016 ने अपेक्षित लक्ष्यों को अर्जित किया एवं देश में पर्यटन निवेश क्षमता को रेखांकित किया। गुजरात ने 9,000 करोड़ रुपये के बराबर के एमओयू का आदान प्रदान किया, कर्नाटक ने 2,600 करोड़ रुपये के बराबर के एमओयू का आदान प्रदान किया, राजस्थान ने 1,000 करोड़ रुपये के बराबर के एमओयू का आदान प्रदान किया, उत्तराखंड ने 500 करोड़ रुपये के बराबर के एमओयू का आदान प्रदान किया जबकि छत्तीसगढ़ ने 12 करोड़ रुपये के बराबर के एमओयू का आदान प्रदान किया। इसके अतिरिक्त, बी आर शेट्टी समूह 450 करोड़ रुपये एवं कोस्टा क्रुज 750 करोड़ रुपये तथा त्रिवेणी सिंगापुर देश में 800 करोड़ रुपये के बराबर का निवेश करने को इच्छुक है।
केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डा. महेश शर्मा ने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि उनका मंत्रालय भारत को उनकी पसंद का निवेश गंतव्य बनाने तथा पर्यटन क्षेत्र में निवेश परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए हर संभव सहायता करेगा एवं समर्थन देगा। उन्होंने 12 भाषाओं में टूरिस्ट हेल्पलाइन को उद्धृत किया एवं रेखांकित किया कि सुझावों को आमंत्रित करने के लिए एक पोर्टल बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ‘आइये, हम पर्यटकों को एक यादगार अनुभव देने के लिए हाथ से हाथ मिलायें।‘
विश्व बैंक की ग्लोबल डायरेक्टर, ट्रेड एवं कंपटीटिवनेस सुश्री सेसिली फ्रुमेन ने कहा कि विश्व बैंक भारत के बौद्ध परिपथ के विकास में सहायता कर रहा है तथा निधियों के माध्यम समेत पर्यटन क्षेत्र के टिकाऊ विकास के लिए सहायता प्रदान करेगा।