लखनऊः उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री श्री जयवीर सिंह ने कहा कि राजस्थान की तरह उ0प्र0 के पुराने किलों, इमारतों एवं महलों को पीपीपी मॉडल पर विकसित किया जायेगा। इसके साथ ही इन ऐतिहासिक धरोहरों को हेरिटेज सर्किट में शामिल करके बुनियादी सुविधाओं से लैस किया जायेगा। इसके अलावा इनकी मार्केटिंग तथा ब्रान्डिंग के साथ ही व्यापक प्रचार-प्रसार करके अधिक से अधिक देशी-विदेशी सैलानियों को उ0प्र0 की ओर आकर्षित किया जायेगा। इससे उ0प्र0 में रोजगार के साथ-साथ आमदनी के रास्ते खुलेंगे।
श्री जयवीर सिंह आज विधानभवन के तिलक हाल में प्रदेश में स्थित किलों, महलों आदि को पीपीपी माडल पर विकसित कर पर्यटन को बढ़ावा दिये जाने के लिए आयोजित संगोष्ठी को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान में पूर्व मुख्यमंत्री स्व0 भैरव सिंह शेखावत ने पुराने किलों को होटल का रूप देकर पर्यटन गतिविधियों को बढ़ाया था। यह प्रयोग काफी सफल रहा। इसी तर्ज पर उ0प्र0 में पुरानी इमारतों को होटल के रूप में विकसित कर पर्यटन को बढ़ावा दिये जाने की रणनीति बनाई गयी है।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि उ0प्र0 में निवेशकों के लिए पर्यटन नीति-2022 में आकर्षक सुविधाओं के साथ ही सब्सिडी एवं विभिन्न प्रकार की छूट की व्यवस्था की गयी है। उ0प्र0 में औद्योगिक एवं पर्यटन संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए इन्स्पेक्टर राज और लालफीताशाही को पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। इसके अलावा बेकार एवं अनुपयोगी कानूनों को भी खत्म किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 के बाद से प्रदेश की स्थिति में व्यापक बदलाव आया है। अब यह बीमारू राज्य के चक्रव्यूह से निकलकर अर्थव्यवस्था के ग्रोथ इंजन के रूप में आगे बढ़ रहा है।
पर्यटन मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में कारोबार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। राज्य सरकार पूरी ईमानदारी एवं पारदर्शिता के साथ निवेशकों के साथ खड़ी है। रेल, रोड, सड़क, वायु तथा हेलीपोर्ट एवं अन्तर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की कनेक्टिविटी विकसित की गई है। उन्होंने कहा कि यूपी की क्षमता एवं सामर्थ्य लगातार बढ़ती जा रही है। जिसके फलस्वरूप 10 लाख करोड़ के लक्ष्य के सापेक्ष 33 लाख 50 हजार करोड़ का निवेश प्राप्त हुआ है। उ0प्र0 अब सर्वोत्तम प्रदेश की राह पर चल पड़ा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए 3टी-टेªड, टेक्नोलॉजी एवं टूरिज्म पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
श्री जयवीर सिंह ने निवेशकों को आवाह्न किया कि पुराने ऐतिहासिक भवनों को पीपीपी मॉडल पर विकसित कर उ0प्र0 को आगे बढ़ाने में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि इससे पुरानी इमारतें सुरक्षित एवं संरक्षित रहेंगी तथा देशी-विदेशी पर्यटकों को किला एवं महलों में ठहरने की अनुभूति प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार चाहती है कि विदेशी पर्यटकों की पहली पसंद उ0प्र0 बने और देश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन सेक्टर का अधिकतम योगदान सुनिश्चित हो सके।
विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह ने कहा कि पूर्वजों द्वारा बनाये गये पुराने किले, महल आदि को सुरक्षित एवं संरक्षित करने के लिए यह एक अच्छी पहल है। उन्होंने सभी ऐतिहासिक इमारतों की सूची बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि पीपीपी मॉडल पर जहॉ एक ओर इन ऐतिहासिक धरोहरों का संरक्षण होगा, वहीं दूसरी ओर पर्यटकों के आने से रोजगार तथा आमदनी भी बढ़ेगी। श्री प्रद्युम्न सिंह, संस्थापक, हेरीटेज हास्पिटेलिटी एसोसिएशन ने भी हेरीटेज टूरिज्म को बढ़ाने के लिए राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि हेरीटेज टूरिज्म एक इण्डस्ट्री के रूप में उभर रहा है।
प्रमुख सचिव पर्यटन श्री मुकेश मेश्राम ने पीपीपी मॉडल पर दिये जाने से संबंधित विभिन्न मुद्दांे पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने छतरमंजिल लखनऊ, चुनारफोर्ट मिर्जापुर, बरूआसागर फोर्ट झांसी, कोठी गुलिस्ताने एरम, कोठी दर्शन विलास, कोठी रोशन उदौला, लखनऊ, बरसाना जलमहल मथुरा, शुक्ला तालाब कानपुर देहात, टिकैतराय बारादरी कानपुर सिटी, बुन्देलखण्ड की कुछ सम्पत्तियों-तहरोली फोर्ट झांसी, चिरगॉव फोर्ट झांसी, मडवारा फोर्ट, मस्तानी महल सलारपुर, सेनापति भवन आदि को पीपीपी मॉडल पर विकसित करने के लिए चिन्हित किया गया है। उन्होंने कहा कि पर्यटन विभाग निवेशकों के साथ शुरू से अंत तक हरसम्भव सहयोग उपलब्ध करायेगा।
इस अवसर पर अमरनाथ निमराना होटल ग्रुप के स्वामी एवं लेखक ने विचार रखते हुए कहा कि उ0प्र0 में हेरीटेज टूरिज्म की असीमित संभावनायें हैं। उनके द्वारा 18 राज्यों के 30 परियोजनाओं का सौन्दर्यीकरण करके होटल का रूप दिया गया है। पंजाब, हरियाणा, जम्मू कश्मीर, तमिलनाडु के जीर्णशीर्ण ऐतिहासिक भवनों को पुनर्जीवित करके हेरीटेज होटल में परिवर्तित किया गया है। उ0प्र0 में भी यह संभव है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा किलों को पीपीपी मॉडल पर पुनर्जीवित किये जाने के निर्णय की सराहना की। इस मौके पर अमेरिका से पधारे श्री रविप्रकाश, अनिलेश आहुजा, रितु झा के अलावा बड़ी संख्या में निवेशकों ने भी अपने सुझाव दिये।
संगोष्ठी में राज्यमंत्री चिकित्सा एवं स्वास्थ्य श्री मयंकेश्वर शरण सिंह, श्री मुकेश सिंह, चेयरमैन इण्डो अमेरिकन चैम्बर आफ कामर्स, स्टेट हेड इण्डो कनाडा चैम्बर आफ कामर्स, पूर्व सांसद गंगाचरण राजपूत, पूर्व मंत्री राजा अरिदमन सिंह के अलावा राकेश प्रताप सिंह रायबरेली, विशेष सचिव पर्यटन श्री अश्वनी कुमार पाण्डेय, निदेशक पर्यटन श्री प्रखर मिश्र एवं अन्य अधिकारी उपस्थित थे।