नई दिल्ली: पूरे विश्व में रेडियो रेटिंग सृजन और प्रकशन के लिए साख संपन्न, पारदर्शी और प्रतिनिधि मूलक रेडियो
श्रोता पैमाइश प्रणाली मान्य है। एफएम रेडियो संचालक राजस्व उगाही के लिए विज्ञापन पर पूरी तरह निर्भर रहते हैं। रेडियो प्रसारण क्षेत्र में विज्ञापन राजस्व का सीधा संबंध रेडियो चैनलों के श्रोताओं की संख्या से है। इसलिए विज्ञापनदाताओं और विज्ञापन एजेंसियों के लिए रेडियो श्रोता पैमाइश प्रणाली आवश्यक है। इससे किसी चैनल या कार्यक्रम की लोकप्रियता दिखेगी और श्रोता तक पहुंचने के लिए सही चैनल या कार्यक्रम को चुनने में मदद मिलेगी। बेहतर रेटिंग से कार्यक्रम/चैनल या विषय वस्तु को बढ़ावा मिलेगा, गलत रेटिंग से ऐसे विषय वस्तु सामने आएंगी, जो वास्तव में लोकप्रिय नहीं हैं, लेकिन बेहतर विषय वस्तु और कार्यक्रम पीछे रह जाएंगे। इसलिए एफएम चैनलों के लिए सटीक पैमाइश तथा प्रतिनिधि रेडियो रेटिंग आवश्यक है।
अभी भारत में आकाशवाणी (एआईआर) तथा एक निजी रेटिंग एजेंसी रेडियो रेटिंग का काम करते हैं। आकाशवाणी समय-समय पर अपने विभिन्न चैनलों पर बड़े पैमाने पर रेडियो श्रोता सर्वे कराता है। कुछ हितधारकों विशेषकर निजी एफएम रेडियो संचालकों ने यह चिंता जताई है कि निजी रेटिंग एजेंसी द्वारा रेडियो श्रोता पैमाइश में अनावश्यक कवरेज और पैनल आकार होता है। उन्होंने पैमाइश के तौर-तरीकों पर भी चिंता व्यक्त की। यह बताना आवश्यक है कि इसकी सफलता के लिए पारदर्शिता, विश्वास, साख तथा रेडियो श्रोता पैमाइश प्रणाली की स्वीकार्यता महत्वपूर्ण है। इसलिए रेडियो श्रोता पैमाइश प्रणाली के लिए एक ढांचा तय करना आवश्यक है। ऐसा ढांचा जो अनुकूल, दूरदर्शी, विकासमुखी हो और जो हितधारकों के हितों की रक्षा करता हो। प्राधिकरण रेडियो रेटिंग प्रक्रिया में न्यूनतम नियामक हस्तक्षेप के साथ एक दूरदर्शी, पारदर्शी और भरोसेमंद रेडियो रेटिंग ढांचा सुनिश्चित करना चाहता है।