देहरादून: उत्तराखण्ड के राज्यपाल डा. कृष्ण कांत पाल ने आतिथ्य एवं पर्यटन उद्योग के क्षेत्र में महिलाओं को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए उनके कौशल विकास तथा समुचित प्रशिक्षण को नितांत आवश्यक बताते हुए कहा कि यह पता लगाना सबसे महत्वपूर्ण है कि इस क्षेत्र में किस प्रकार के प्रशिक्षण की आवश्यकता है। आतिथ्य प्रबंधन से जुड़े पर्याप्त संस्थान तथा बड़े पैमाने पर खुले आॅन लाइन पाठ्यक्रमों के माध्यम से युवा लड़कियों को इस उद्योग की आवश्यकता के अनुरूप उपयोगी प्रशिक्षण दिया जा सकता है। प्रशिक्षण एवं कौशल विकास से महिलाओं का सशक्तिकरण व वित्तीय समावेश सुनिश्चित किया जा सकता है।
राज्यपाल आज ‘होटल मैनेजमंेट हाॅस्पिटैलिटी स्कूल, ग्राफिक एरा विश्वविद्यालय, देहरादून’ द्वारा आयोजित दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधित कर रहे थे।
संगोष्ठी के लिए चयनित विषय ‘ट्रैन्ड्स इश्यूज एंड विमैन इन हाॅस्पिटैलिटी एण्ड टूरिज्म इंडस्ट्री‘ को अत्यन्त प्रासंगिक बताते हुए राज्यपाल ने कहा कि महिलाओं के तकनीकी व कौशल विकास की दृष्टि से यह विषय महत्वपूर्ण है जो महिलाओं के रोजगार एवं कौशल विकास में मददगार होगा।
उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में पर्यटन व्यवसाय एवं होटल उद्योग में अपार सम्भावनाएं हैं इस दृष्टि से भी यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन निश्चित ही लाभाकारी रहेगा। उन्होंने कहा, पर्यटन की अपार संभावनाओं वाले उत्तराखण्ड के परिप्रेक्ष्य में इस विषय पर व्यापक विचार-विमर्श की जरूरत है। आतिथ्य/होटल उद्योग क्षेत्र में महिलाओं को बहुतायत में रोजगार मिलने के बावजूद इस व्यवसाय के अन्तर्गत उच्च प्रबन्धकीय क्षेत्र में महिलाओं का प्रतिनिधित्व कम दिखाई देता है शायद इस सोच के कारण कि महिलाओं के नेतृत्व मंे यह व्यवसाय नहीं चल पायेगा।
महिलाओं की प्रबन्ध व नेतृत्व क्षमता के सन्दर्भ में बोलते हुए राज्यपाल ने कहा कि महिलाओं की प्रबन्धकीय व नेतृत्व क्षमता को विकसित करके उन्हें पर्यटन व आतिथ्य क्षेत्र से जुड़े उद्योगों की मुख्यधारा से जोड़ने की जरूरत है जो लाभकारी रहेगा। कई बहुराष्ट्रीय बड़ी कंपनियों ने इसे संभव कर दिखाने के उद्देश्य से पहल की और उसमें वे सफल भी हुए। आज स्थिति पूरी तरह बदल चुकी है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पेप्सी, आई.बी.एम, जी.मोटर्स, जनरल डायनेमिक्स, हेवलैट पैकाॅर्ड, लाॅकहर्ड मार्टिन, जीरोक्स, ओराॅकिल जैसी बहुराष्ट्रीय कंपनियों के साथ-साथ अन्तर्राष्ट्रीय मुद्राकोष, पेटीएम, एस.बी.आई, एक्सिस बैंक तथा आई.सी.आई.सी.आई बैंक जैसे बड़े वित्तीय संस्थाओं के अध्यक्ष/सी.ई.ओ जैसे शीर्ष पदों पर आसीन महिलाओं ने अपनी उच्च नेतृत्व व प्रबन्धकीय क्षमताएं साबित कर दी हैं। इसके बावजूद भी पर्यटन एवं होटल व्यवसाय के क्षेत्र में महिलाओं के नेतृत्व को प्रोत्साहित करने में सफलता नहीं मिल सकी है।
उत्तराखण्ड के परिप्रेक्ष्य में इस संगोष्ठी को बहुत उपयोगी बताते हुए राज्यपाल ने आशा व्यक्त की कि पर्यटन विस्तार की अनन्त सम्भावनाओं से परिपूर्ण राज्य में पर्यटन विकास की सभी विविधताओं को खोज कर सही दिशा में ले जाने की आवश्यकता है इससे राज्य के सकल घरेलू उत्पाद पर अनुकूल प्रभाव पड़ेगा। नये पर्यटन गंतव्यों के चिन्हीकरण, बुनियादी सुविधाओं की स्थापना के साथ-साथ महिलाओं के कौशल विकास तथा प्रशिक्षण द्वारा इस क्षेत्र में उन्हें अहम जिम्मेदारियाँ देकर प्रोत्साहित करने की आवश्यकता है ताकि वे इस क्षेत्र के विकास में अपनी सक्रिय भागीदारी निभा सकें।
राज्यपाल ने यह भी कहा कि महिलाओं पर केन्द्रित संगोष्ठी के विषय पर विचार-विमर्श के साथ ही पर्यटन के सतत् विकास के लिए पारिस्थितिकी पर्यटन, चिकित्सा पर्यटन, विरासत पर्यटन, आतिथ्य शिक्षा, हेल्थ एण्ड वैलनैस टूरिज्म, होम स्टे, आई.टी तथा टूरिज्म व हाॅस्पिटैलिटी जैसे विषयों पर भी चर्चा किया जाना लाभप्रद होगा।