देहरादून: पंचायतराज एवं ग्राम विकास मंत्री उत्तराखण्ड सरकार प्रीतम सिंह द्वारा आई.आर.डी.टी सर्वे चैक देहरादून में पंचायतराज पदाधिकारियों एवं प्रतिनिधियों- क्षेत्रपंचायत सदस्य/प्रधान/सदस्य ग्राम पंचायत के लिए प्रशिक्षण/क्षमता एवं कौशल विकास हेतु राज्य स्तरीय कार्यशाला/प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ किया गया।
माननीय मंत्री ने सभी जनप्रतिनिधियों को प्रशिक्षण में स्वागत करते हुए कहा कि सभी प्रशिक्षण में उचित भागीदारी करें तथा अधिकारियों को इस तरह का प्रशिक्षण प्रत्येक जनपद में आयोजित कराने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि पंचायत का इतिहास आदि काल से चलता आ रहा है तथा समय-समय पर नई चुनौतियां सामने आने से इसमें आवश्यक परिवर्तन भी किया जाता रहा है। उन्होने कहा कि स्वाधीनता से पूर्व पंचायत के फैसले पंच/सरपंच के माध्यम से किये जाते थे तथा स्वतंत्रता पश्चात यह कार्य जनप्रतिनिधियों द्वारा किया जाने लगा। उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड पंचायतीराज एक्ट के तहत स्थानीय स्वशासन को सशक्त बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों को उचित प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जिससे सभी जनप्रतिनिधि समन्वय स्थापित करते हुए जनपयोगी कार्यों को धरातल पर अमल में ला पायेगें।
कार्यशाला में जिलाधिकारी रविनाथ रमन ने कहा कि अब जनप्रतिनिधियों को और अधिक शिक्षित एवं तकनीकि क्षमता से लैस होने की आवश्यकता है क्योंकि जागरूक होता ग्रामीण समाज वर्तमान समय में सभी शहरी सुविधाओं को गांव में देखना चाहता है। उन्होने कहा कि नये पंचायत अधिनियम से एक और जहां जनप्रतिनिधियों के अधिकारों में वृद्धि हुई है वहीं दूसरी और उनके कर्तव्यों का भी विस्तार हुआ है। उन्होने कहा कि बिना कर्तव्य के अधिकारों का साकार होना मुंमकिन नही है इसलिए वर्तमान में अधिकारों से अधिक कर्तव्यों की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होने कहा कि जनप्रतिनिधियों को अब जनप्रतिनिधि की क्षवि को तोड़कर एक जन नेता की भूमिका में आना होगा, जिससे समाज के प्रत्येक व्यक्ति की भागीदारी व सहयोग प्राप्त करते हुए विकास को गति देनी होगी।