लखनऊ: उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के प्रबंध निदेशक डाॅ0 राजशेखर ने कहा कि “प्रवर्तन गतिविधि“ उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के कामकाज के महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। बेहतर और सख्त प्रवर्तन “ट्रांसपैरेंट, भ्रष्टाचार मुक्त और प्रभावी प्रवर्तन“ सुनिश्चित करेगा। उन्होंने बताया कि इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने मुख्यालय में प्रवर्तन दल के लिए “बॉडी वार्न कैमरा“ का पायलट प्रोजेक्ट और 4 कैमरों के साथ क्षेत्रीय स्तरों पर आयोजित किया गया जिसका परिणाम उत्साहजनक हैं और “प्रभावी प्रवर्तन“ के लिए उपकरण अच्छे साबित हो रहे हैं।
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक डा0 राज शेखर ने सभी 80 प्रवर्तन टीमों के लिए “बॉडी वार्न कैमरे“ के लिए आदेश जारी किए हैं। प्रत्येक प्रवर्तन दल द्वारा 1 अक्टूबर से प्रत्येक मार्ग की चेकिंग केवल “बॉडी वार्न वीडियो कैमरे के माध्यम से की जायेगी और वीडियो क्लिप क्षेत्रीय कार्यालय में निरीक्षण रिपोर्ट के साथ अनिवार्य रूप से प्रस्तुत की जाएगी।
उत्तर प्रदेश परिवहन निगम ने 80 बॉडी वार्न वीडियो कैमरा हेतु 10,000.00 रूपये प्रति कैमरा की दर से 8.00 लाख रूपये की धनराशि स्वीकृत की है। डा0 राज शेखर ने क्षेत्रीय प्रबन्धकों को जेम पोर्टल के माध्यम से “विशिष्ट परिभाषित गुणवत्ता“ वाले “बॉडी वार्न कैमरा“ खरीदने के निर्देश दिये हंै। 01 अक्टूबर से, प्रत्येक क्षेत्रीय प्रबन्धक और “इंटरसेप्टर वाहन“ में से प्रत्येक में प्रभावी प्रवर्तन के लिए एक “बॉडी वार्न कैमरा“ होगा।
डाॅ0 राजशेखर ने कहा कि यह हमें बेहतर और गुणवत्तापरक प्रवर्तन गतिविधि के लिए मदद करेगा और उत्तर प्रदेश परिवहन निगम के चालकों/परिचालकों के गलत व्यवहार, बिना टिकट यात्रियों की शिकायत आदि को रोकने में मदद करेगा और जांच के मामलों में “वीडियो साक्ष्य“ के रूप में भी काम करेगा। शिकायतों और एक ही समय में प्रत्येक प्रवर्तन अधिकारी की जिम्मेदारी को ठीक करने में हमारी मदद करेगा।