लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की सुविधा और कृषि के चहंुमुखी विकास हेतु पारदर्शी किसान सेवा योजना लागू कर दी है। इस योजना के तहत ‘‘किसान का अधिकार किसान के द्वार’’ को साकार करने के लिए सुदृढ़ व्यवस्था की है।
यह जानकारी कृषि राज्य मंत्री श्री राजीव कुमार सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि किसानों को वित्तीय सहायता उपलब्ध कराने हेतु लाभार्थियों के चयन में पारदर्शी प्रक्रिया लागू की गयी है। कमजोर किसानों को लाभ वितरण में वरीयता दिये जाने की व्यवस्था की गयी है। नकद अनुदान सीधे लाभार्थी किसानों के बैंक खातों में भेजने की व्यवस्था की गयी है।
कृषि राज्य मंत्री श्री सिंह ने बताया कि किसान और मजदूर अपना पंजीकरण आनलाइन करा सकते हैं। कृषि विभाग की योजनाओं का लाभ लेने हेतु पंजीकरण कराना अनिवार्य है। किसान तथा कृषि मजदूर पंजीकरण फार्म भरकर राजकीय बीज गोदाम अथवा जनपद के उपनिदेशक कृषि कार्यालय में जमा कर सकते हैं। इसके अलावा कृषि विभाग की वेबसाइट ंहतपबनसजनतमण्नचण्दपबण्पद पर आन लाइन आवेदन कर सकते हैं।
श्री सिंह ने बताया कि पंजीकरण हेतु किसान की भूमि की पहचान के लिये खतौनी होनी चाहिए लेकिन मजदूरों के लिए खतौनी अनिवार्य नहीं है। उन्होंने बताया कि किसान की पहचान के लिए मतदाता पहचान पत्र, राशन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट अथवा विधि मान्य अन्य प्रमाण पत्रों में से कोई एक अभिलेख प्रस्तुत करना होगा। किसानो/मजदूरों को शासकीय योजनाओं का लाभ दिलाने हेतु बैंक में खाता खोलना अनिवार्य है तथा बैंक पास बुक के प्रथम पृष्ठ की छायाप्रति जिस पर खाताधारक का पूरा विवरण अंकित होना चाहिए उसे प्रस्तुत करना होगा।
कृषि राज्य मंत्री ने बताया कि पंजीकृत कृषकों को बीजों तथा कृषि रक्षा रसायनों पर अनुदान एवं मजदूरों को रजिस्ट्रेशन कराने पर मजदूरी हेतु काम/रोजगार, भूमिउपचार, फार्मस्कूल, कृषक प्रशिक्षण केन्द्रों एवं कृषि फसल उत्पादन के प्रदर्शन के समय मजदूरों को रोजगार के अवसर दिये जाने की भी व्यवस्था है।