लखनऊ: उत्तर प्रदेश के परिवहन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर सिंह ने परिवह विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि लीन सीजन में निगम की बसों का संचालन प्रतिफल बेहतर करने के प्रयास करें। उन्होंने कहा कि वह सभी फैक्टर जिससे लीन सीजन में निगम की बसों के लोड फैक्टर व संचालन आय में वृद्धि हो सके उसे अपनाया जाय। एकमेव बस सेवा से आच्छादित किसी मार्ग को छोड़कर रात्रिकालीन कोई भी सेवा जिसका लोड फैक्टर 55 प्रतिशत से कम हो, संचालित न की जाय। उन्होंने कहा कि इस बात का ध्यान रखा जाय कि बस सेवा के संचालन को प्रतिबंधित करने से यात्रियों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। आवागमन भी बाधित न हो।
परिवहन मंत्री ने कहा कि अधिकारी डिपो के वाहनों की आय की समीक्षा करें व सुधारात्मक कदम उठाएं। रात्रिकालीन सेवाओं की कोई भी बस 25 यात्रियों से कम लोड फैक्टर की स्थिति पर संचालित न हो। बसों के प्रस्थान करने के समय में सुनियोजित परिवर्तन की सूचना यात्रियों को ससमय उपलब्ध कराएं, जिससे कि यात्री अपनी वैकल्पिक व्यवस्था समय से कर लें। इसी प्रकार ग्रामीण मार्गों पर संचालित बसों की समय सारिणी इस प्रकार निर्धारित की जाय कि ग्रामीण सेवा अपने गंतव्य स्थल तक शाम 07ः00 बजे तक पहुंच जाय। किसी भी स्थान पर बस में 25 यात्री से कम न हो, इसका निरीक्षण करें तथा चालकों/परिचालकों को सुधारात्मक निर्देश दिये जाय। बसों का नियमित व समयबद्ध संचालन प्रत्येक स्तर पर सुनिश्चित किया जाय और इसके लिए परिचालक/चालक का यथावश्यकता उत्तरदायित्व भी निर्धारित किया जाय।
परिवहन मंत्री ने कहा कि बस सेवा के निरस्तीकरण के समय यह ध्यान दिया जाय कि यात्रियों को सम्बंधित स्टेशन जहां पर यह सेवा निरस्त की जा रही है, को उसी रूट पर पीछे की डिपो से आने वाली बस से सुविधा मुहैया हो सके। स्थानीय बस स्टेशन से सेवा प्रारम्भ करने वाली बस को पीछे से आने वाली बस के सापेक्ष ही निरस्त किया जाय, जिससे कि किसी भी यात्री को अपनी यात्रा पूरी करने में किसी भी प्रकार का व्यवधान व असुविधा का सामना न करना पड़े। उन्होंने कहा कि परिवहन निगम का यह प्रयास होना चाहिए कि प्रत्येक यात्री को सेवा दें एवं यात्री के इच्छित एवं सुरक्षित स्थान पर उसे उतारें।