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यात्रा एवं पर्यटन प्रतिस्‍पर्द्धा सूचकांक 2015 में भारत ने 13 स्‍थानों का सुधार किया

देश-विदेश

नई दिल्ली: विश्‍व आर्थिक मंच के यात्रा और पर्यटन प्रतिस्‍पर्द्धात्‍मक सूचकांक (टीटीसीआई) 2015 के अनुसार भारत 2013 में 65वें पायदान पर था। 2015 में महत्‍वपूर्ण सुधार के कारण 52वें स्‍थान पर पहुंच गया है।

यात्रा और पर्यटन प्रतिस्‍पर्द्धात्‍मक सूचकांक में भारत द्वारा अपनी स्थिति 65वें स्‍थान से सुधार कर 52वें स्‍थान पर पहुंचने के लक्ष्‍य को पर्यटन मंत्रालय के वर्ष 2014-15 के परिणामी ढांचा दस्‍तावेज आरएफडी में निर्धारित किया गया है। भारत की पर्यटन प्रतिस्‍पर्द्धा में सुधार करने के लिए, विशेष रूप से अवसंरचना और नियामक वीजा नीति के संबंध में, सरकार द्वारा उठाए गए कदम इस प्रकार हैं-अवसरंचना

पर्यटन का विकास और संवर्द्धन मुख्‍य रूप से संबंधित राज्‍य सरकार/संघशासित प्रदेश के प्रशासन पर निर्भर करता है। पर्यटन मंत्रालय पर्यटन परियोजनाओं के लिए केंद्रीय वित्‍तीय सहायता (सीएफए) उपलब्‍ध कराता है, जो वर्तमान योजना दिशानिर्देशों के अनुसार, योजना/निधि की उपलब्धता और पूर्व में जारी निधियों के उपयोग की शर्त पर स्‍वीकृत और पूरी होती हैं।

बजट 2014-15 में की गई घोषणा के अनुरूप, केन्‍द्रीय क्षेत्र के अंतर्गत निम्‍नलिखित दो योजनाएं 2014-15 में प्रारंभ की गई:

  1. स्‍वेदश दर्शन-विषय आधारित पर्यटक सर्किटों के तौर पर समेकित बुनियादी ढांचा विकास।विषय आधारित पर्यटक सर्किटों के विकास के लिए स्‍वदेश दर्शन योजना का शुभारंभ किया गया जो एक समग्र तरीके से व्‍यापक और स्‍थल पर्यटन को सुविधा प्रदान करती है। पूर्वोत्‍तर भारत सर्किट, बुद्ध सर्किट, हिमालय सर्किट, तटीय सर्किट, कृष्‍णा सर्किट, रेगिस्‍तान सर्किट, जनजातीय सर्किट, पारिस्‍थितिकी सर्किट, वन्‍यजीव सर्किट, ग्रामीण सर्किट, आध्‍यात्‍मिक सर्किट और रामायण सर्किट को इस योजना के तहत चिहिन्‍त किया गया।
  2. तीर्थयात्रा कायाकल्प और आध्यात्मिकविस्तारराष्ट्रीय अभियान (पीआरएएसएडी)प्रथम चरण में, बुनियादी विकास के लिए 12 शहर चिन्‍हित किए गये हैं। इन शहरों में अमृतसर, केदारनाथ, अजमेर, मथुरा, वाराणसी, गया, पुरी, द्वारका, अमरावती, कांचीपुरम, वैल्‍लनकन्‍नी  और गुवाहाटी शामिल है।

वीजा नीति:

(क)    भारत सरकार ने 27.11.2014 से ई-पर्यटक वीजा सुविधा प्रारंभ कर दी है। यह सुविधा वर्तमान में 77 देशों के नागरिकों के लिए उपलब्‍ध है। वीजा क्षेत्र को आसान बनाने के लिए यह एक महत्‍वपूर्ण कदम है जिसके माध्‍यम से एक संबंधित पर्यटन अपने देश से ही भारतीय वीजा के लिए भारतीय मिशन का दौरा किए बिना ई-पर्यटन वीजा प्राप्‍त करने में समर्थ होगा और ऑनलाईन वीजा शुल्‍क अदा कर सकेगा।

(ख)   पर्यटन वीजा पर भारत आने वाले विदेशी नागरिकों के पुन: प्रवेश पर दो माह की रोक के बाद इसे 4 दिसम्‍बर, 2012 को हटा दिया गया।

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