16 C
Lucknow
Online Latest News Hindi News , Bollywood News

चार और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू और कश्मीर, मणिपुर, नगालैंड और उत्तराखंड में जल्द ही राष्ट्रीय पोर्टैबिलिटी के लिए जांच और परीक्षण का काम पूरा

देश-विदेश

नई दिल्ली: देश में वन नेशन, वन राशन कार्ड की सुविधा 4 राज्यों में राशन कार्डों की अंतर-राज्यीय पोर्टेबिलिटी के साथ अगस्त, 2019 में शुरू की गई थी। तब से कुल 20 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों को निर्बाध राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी समूह में शामिल किया गया है जो जून 2020 से प्रभावी है। इस प्रकार, यह सुविधा अभी 20 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के एनएफएसए कार्ड धारकों को मिल रही है। ये 20 राज्य/केंद्र शासित प्रदेश- आंध्र प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, सिक्किम, मिजोरम, तेलंगाना, केरल, पंजाब, त्रिपुरा, बिहार, गोवा, हिमाचल प्रदेश, दादरा तथा नागर हवेली, दमन तथा दीव, गुजरात, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान हैं।

अब चार और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों- जम्मू और कश्मीर, मणिपुर, नगालैंड और उत्तराखंड में बहुत जल्द ही वन नेशन, वन राशन कार्ड के तहत राष्ट्रीय पोर्टेबिलिटी की सुविधा देने के लिए जांच और परीक्षण का काम पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा, अंतर्राज्यीय लेनदेन के लिए आवश्यक वेब-सेवाएं और केंद्रीय डैशबोर्ड के जरिए उनकी निगरानी भी इन राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के लिए सक्रिय हो गई हैं। शेष सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को मार्च 2021 से पहले इस योजना में शामिल कर लिए जाने का लक्ष्य रखा गया है।

वन नेशन, वन राशन कार्ड की सुविधा एक महत्वाकांक्षी योजना है। यह राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए), 2013 के तहत शामिल सभी लाभार्थियों के खाद्य सुरक्षा अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए खाद्य और सार्वजनिक वितरण विभाग का प्रयास है चाहे वे देश के किसी भी हिस्से में रहें। ऐसा सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोग से ‘सार्वजनिक वितरण प्रणाली के एकीकृत प्रबंधन (आईएम-पीडीएस)’  पर चल रही केंद्रीय योजना के तहत राशन कार्डों की देशव्यापी पोर्टेबिलिटी को लागू करके किया जा रहा है।

इस प्रणाली के माध्यम से, वैसे प्रवासी एनएफएसए लाभार्थी जो अक्सर अस्थायी रोजगार इत्यादि की तलाश में अपना निवास स्थान बदलते रहते हैं, को अब किसी अपनी पंसद की किसी भी उचित मूल्य की दुकान (एफपीएस) से अपने खाद्यान्न का कोटा उठाने का विकल्प दिया गया है। ऐसा एफपीएस में स्थापित इलेक्ट्रॉनिक प्वाइंट ऑफ सेल (ईपीओएस) डिवाइस पर बायोमेट्रिक/ आधार आधारित प्रमाणीकरण के साथ अपने मौजूदा राशन कार्ड का उपयोग करके किया जा सकता है।

इस प्रकार, एफपीएस पर ईपीओएस उपकरणों की स्थापना और बायोमेट्रिक/आधार प्रमाणीकरण के लिए लाभार्थियों की आधार संख्या इस प्रणाली के मुख्य संवाहक हैं। लाभार्थी देश में किसी भी एफपीएस डीलर को राशन कार्ड नंबर या आधार नंबर बताकर इस सुविधा का लाभ ले सकता है। परिवार का कोई भी व्यक्ति जिसकी राशन कार्ड में आधार संख्या अंकित है, वह प्रमाणीकरण कराकर राशन उठा सकता है। इस सुविधा का लाभ पाने के लिए राशन डीलर को राशन कार्ड या आधार कार्ड दिखाने या इन्हें अपने साथ ले जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। लाभार्थी अपने फिंगर प्रिंट या आईरिस आधारित पहचान का उपयोग करके अपना आधार प्रमाणीकरण कर सकता है।

Related posts

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More