नई दिल्ली: भारत, भारतीय उप-महाद्वीप के अन्य 23 देशों के साथ 04 और 05 सितंबर, 2018 को भारतीय समुद्री क्षेत्र में सुनामी मॉक अभ्यास में शामिल हुआ। आईओवेव18 नाम से इस अभ्यास का आयोजन यूनेस्को के अंतर-सरकारी समुद्र विज्ञान आयोग द्वारा किया गया जिसने 26 दिसंबर, 2014 को आई सुनामी के बाद भारतीय समुद्र सुनामी चेतावनी और शमन व्यवस्था (आईओटीडब्ल्यूएमएस) की स्थापना में मदद की।
कल संपन्न हुए आईओवेव18 सुनामी अभ्यास में सभी पूर्व तटीय राज्यों ने भाग लिया। भारत में आईओवेव18 का आयोजन गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की मदद से भू-विज्ञान मंत्रालय के भारतीय राष्ट्रीय समुद्र सूचना सेवा केंद्र, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) और तटवर्ती राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा किया गया। कल के अभ्यास में अंडमान एवं निकोबार से 1,000 से ज्यादा लोगों को निकाला गया। इसी तरह पश्चिम बंगाल के तीन जिलों में 1200 लोगों को निकाला गया। तमिलनाडु में भी 13 जिलों में 5054 लोगों को बचाया गया। पुदुचेरी में भी लगभग 100 लोग निकाले गए। आंध्र प्रदेश के 9 जिलों से 8020 और ओडिशा में 6 जिलों (328 गांव) के लगभर एक लाख लोगों को निकाला गया।
दो दिन चले इस सुनामी मॉक अभ्यास में सभी तटवर्ती राज्यों ने आईएनसीओआईएस से सूचना बुलेटिन हासिल करते हुए अपनी संचार व्यवस्था का परीक्षण किया।
एनडीएमए के वरिष्ठ सलाहकार मेजल जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ वी के नाइक ने अभ्यास में पर्यवेक्षक के रूप में काम किया और भागीदार राज्यों से संपर्क बनाते हुए उन्हें संकट के समय बुलेटिन पाने की व्यवस्था का परीक्षण करवाया।