नई दिल्ली: केंद्रीय एमएसएमई और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री श्री नितिन गडकरी ने इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट्स प्रमोशन काउंसिल (ईईपीसी) के प्रतिनिधियों के साथ महामारी के बाद की स्थिति में क्षेत्र के विकास पर चर्चा करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से बैठक की।
उन्होंने पैनल को प्रेरित करते हुए कहा कि लॉकडाउन के दौरान अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र को अल्पकालिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन हमें “सकारात्मकता और आत्मविश्वास” से तत्काल बाधाओं को दूर करने में मदद मिल सकती है। उन्होंने इस तथ्य पर जोर दिया कि अर्थव्यवस्था में सभी हितधारकों के बीच आपसी सहयोग से मौजूदा महामारी के कारण पैदा हुई कठिनाइयों से निपटने में मदद मिल सकती है।
बातचीत के दौरान, केंद्रीय मंत्री ने एमएसएमई क्षेत्र के महत्व को रेखांकित किया और देश के सकल घरेलू उत्पाद, निर्यात और रोजगार सृजन में इस क्षेत्र के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र वर्तमान में देश के निर्यात में लगभग 48% का योगदान देता है और इसे तकनीकी उन्नयन और उत्पाद विकास के माध्यम से और बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लॉजिस्टिक्स, परिवहन और श्रम लागत में पर्याप्त कमी से देश में विनिर्माण उद्योग के विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने उल्लेख किया कि निर्यात का समर्थन करने के लिए देश में पैकेजिंग और मानकीकरण की सुविधा अन्य महत्वपूर्ण कारक हैं जिन्हें विकसित करने की आवश्यकता है, क्योंकि दुनिया धीरे-धीरे कोविड महामारी से निपटने में सफल हो रही है।
उन्होंने कहा कि एमएसएमई मंत्रालय ने भारतीय एमएसएम उद्यमों को इक्विटी समर्थन देने के लिए फंड ऑफ फंड बनाया है। जिन एमएसएमईके पास अच्छा कारोबार है वजीएसटी रिटर्न रिकॉर्ड और आयकर रिकॉर्ड भी ठीक हैं, उनका फिर से आकलन किया जायेगा और उन्हें रेटिंग दी जाएगी। इसके बाद उन्हें सरकार से 15% इक्विटी का समर्थन प्राप्त हो जाएगा। यह उन्हें धीरे-धीरे पूंजी बाजार से धन जुटाने में सक्षम बनाएगा तथा प्रस्तावित एमएसएमई स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध करने और विदेशी निवेश आकर्षित में मदद करेगा।
उन्होंने आगे सुझाव दिया कि उद्योगों को अपने वार्षिक लाभ का लगभग 2-3% अनुसंधान में निवेश करना चाहिए क्योंकि ज्ञान को धन में बदलना उद्योग के विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
उन्होंने पैनल से अपने विशेष सुझावों को भेजने का अनुरोध किया और सरकार से सभी प्रकार की सहायता का आश्वासन दिया।