नई दिल्ली: राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव (आरएसएम)2019 के सागर खंड का समापन कल शाम विशेष कार्यक्रमो के साथ हुआ। कार्यक्रम में शानदार प्रस्तुतियो ने दर्शको का भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओ से अनुभव कराया। सागर के पीटीसी मैदान,सिविल लाईंस में आयोजिक कार्यक्रम में सरोज वैद्यनाथन की भरतनाट्यम प्रस्तुति ने दर्शको को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम के दूसरे दिन संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रो के कलाकारो ने गीत और नृत्य कार्यक्रमो के यादगार कार्यक्रम प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में मध्यप्रदेश के स्थानीय कलाकारो ने मुख्य मंच पर “मिट्टी के लाल” बैनर तले परंपरागत लोकनृत्य प्रस्तुत किया। मिट्टी के लाल को पहली बार दर्शको की भरपूर प्रशंसा मिली। मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक विरासत को राष्ट्रीय संस्कृति मंच द्वारा उचित पहचान और सम्मान मिल रहा है। स्थानीय कलाकारो द्वारा गीत और नृत्यो की परंपरागत रूप में प्रस्तुति ने दर्शको को स्थानीय लोकसंस्कृति,परंपरा और सांस्कृतिक विरासत को जानने का अवसर दिया।
भारतीय संस्कृति में वर्षो की पंरपरा करवाचौथ के अवसर पर दूसरे दिन की शुरूआत जबलपुर के प्रसिद्ध कथक नृर्तक निलांगी कलांथे की प्रस्तुति से हुई। इसके बाद क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्रो के 400 कलाकारो ने डॉ प्रसन्ना गोगोई की निर्देशन में समूह नृत्य का प्रदर्शन किया। इससें उत्तरप्रदेश का चरकुला,पश्चिम बंगाल का नटुआ, झारखंड के सरहुल,गोवा का गोफ,मणिपुर का माईबी जागोई,कश्मीर का बच्चा नगमा और तेलंगाना का मथुरी नृत्य शामिल थे। सागर में दूसरे दिन देश भर के अलग-अलग राज्यो के विभिन्न समूहो की प्रस्तुति समारोह का मुख्य आकर्षण रहा।
राष्ट्रीय संस्कृति महोत्सव निरंतर आम लोगो की प्रशंसा प्राप्त कर रहा है और लोगो के बीच बेहद लोकप्रिय है।
समारोह में देश भर के हस्तशिल्प कलाकारो को अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर भी मिला। इसमें देश भर के विभिन्न भागो के लकडी के आभूषण, असम के सूती कपडे के साथ साथ लकड़ी और बांस का काम, उत्तरप्रदेश का पीतल की वस्तुए, गुजरात और आंध्रप्रदेश के हाथ से बने कपड़े का सामान था। इससे साथ ही दर्शको को एक ही स्थान पर विभिन्न राज्यो के परंपरागत खाने का अवसर भी मिला।
दूसरे दिन की प्रस्तुति का अंत ग्रैमी पुरस्कार विजेता विक्कू विनायक राम की शानदार प्रदर्शन और प्रसिद्ध डॉ सतिन्दर सरताज की प्रसिद्ध पंजाबी सूफी संगीत प्रस्तुति से हुआ।
रीवा में महोत्सव का आयोजन 20 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक होगा। जिसमें स्थानीय कलाकारो की प्रस्तुति के साथ-साथ प्रसिद्ध कलाकारो अनुराधा पौडवाल, रोनु मजूमदार, मालिनी अवस्थी,अनुराधा पल और गीता मलिक और देश भर के विभिन्न कलाकार शामिल होंगे।