पणजी: गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद राज्य में उपजे सियासी हालात के बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं की बैठक खत्म हो गई है. पणजी के एक होटल में चल रही इस बैठक में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और प्रमोद सावंत समेत बीजेपी के विधायक मौजूद रहे. बैठक के बाद अमित शाह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की गोवा के सहयोगी दलों से बातचीत जारी है. उनकी बातचीत खत्म होने के बाद नए सीएम का एलान होगा.
वहीं, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, बैठक के बाद गोवा के नए सीएम के नाम साथ ही दो डिप्टी सीएम का भी एलान होगा. सूत्रों का कहना है कि गोवा के अगले सीएम प्रमोद सावंत होंगै. बीजेपी सूत्रों की मानें तो, गोवा में दो डिप्टी सीएम होंगे. गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के विजय सरदेसाई और महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) के सुदीन धावलीकर डिप्टी सीएम होंगे.
कहा जा रहा है कि इस बैठक में तय किया जाएगा कि गोवा में नया सीएम कौन होगा. हालांकि, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, प्रमोद सावंत का नाम इस दौड़ में सबसे आगे चल रहा है.
वहीं, गोवा बीजेपी के अध्यक्ष विनय तेंदुलकर की प्रमोद सावंत के अगला सीएम बनने की खबर पर प्रतिक्रिया सामने आई है. उन्होंने कहा कि ऐसे तो मेरा भी नाम सीएम की दौड़ में चल रहा है, वैसे ही सबका नाम चल रहा है. उन्होंने कहा कि ऐसे तो नाम आते रहेंगे, उन्होंने कहा कि अभी विधायक बैठक में तय करेंगे कि अगला सीएम कौन होगा. उन्होंने कहा कि आज तय हो जाएगा कि गोवा में नया सीएम कौन होगा.
अंदरखाने यह भी कहा जा रहा है कि प्रमोद सावंत राज्य के नए मुख्यमंत्री हो सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक बीजेपी ने उनका नाम तय कर लिया है. सूत्रों के मुताबिक, गोवा के मुख्यमंत्री पद के लिए बीजेपी की तरफ से प्रमोद सावंत के अलावा विश्वजीत राणे का नाम भी आगे चल रहा था लेकिन सूत्रों के मुताबिक विधानसभा अध्यक्ष प्रमोद सावंत को बीजेपी ने मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया है. हालांकि, यह भी कहा जा रहा है कि अभी मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा इसलिए नहीं हो पा रही है क्योंकि सत्ताधारी बीजेपी और सहयोगी क्षेत्रीय दलों एमजीपी और गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी) के बीच इसके लिए अंतिम सहमति नहीं बन पाई है.
हालांकि इससे पहले दोनों क्षेत्रीय दलों के नेता इस बात पर सहमत थे कि यदि अभी मुख्यमंत्री के चेहरे पर सहमति नहीं बन पाती तो विधानसभा को निलंबित रखा जा सकता है. उधर, पणजी में सोमवार को सुबह कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई. उसके बाद कांग्रेस के 14 विधायक राजभवन में राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मुलाकात की. विपक्षी दल ने सरकार बनाने का दावा पेश करते हुए राज्यपाल को पहले पत्र भी लिखा था.
कावलेकर ने कहा, ”हम सदन में बहुमत वाली पार्टी हैं और फिर भी मुलाकात का समय लेने के लिए संघर्ष करना पड़ा. हम मांग करते हैं कि हमें पर्रिकर के निधन के बाद बीजेपी सरकार के ना रहने की स्थिति में सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया जाए.”
दलों का गणित
कांग्रेस राज्य में अभी सबसे बड़ी पार्टी है. 40 सदस्यीय विधानसभा में उसके पास 14 विधायक हैं जबकि बीजेपी के पास 12 विधायक हैं. इस साल की शुरुआत में बीजेपी विधायक फ्रांसिस डीसूजा के निधन और रविवार को पर्रिकर के निधन तथा पिछले साल दो कांग्रेस विधायक सुभाष शिरोडकर और दयानंद सोप्ते के इस्तीफे के कारण विधानसभा में सदस्यों की संख्या 36 रह गई है.
गोवा फॉरवर्ड पार्टी (जीएफपी), महाराष्ट्रवादी गोमंतक पार्टी (एमजीपी) के पास तीन-तीन विधायक हैं जबकि राकांपा के पास एक विधायक है. तीन निर्दलीय विधायक भी हैं. जीएफपी, एमजीपी और निर्दलीय विधायक पर्रिकर सरकार का हिस्सा थे. (इनपुट: ज़ी न्यूज़ & एजेंसी भाषा से भी)