लखनऊ: उत्तर प्रदेश मानव अधिकार आयोग के मा0 अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री यू0के0 धवन ने समाचार पत्रों में प्रकाशित नेपाल से अगवा करके लखनऊ लाई गई दो बच्चियों दुर्गी और सुर्गी को बंधक बनाये जाने की खबरों को स्वतः संज्ञान में लेते हुए लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को सम्पूर्ण प्रकरण की जांच रिपोर्ट चार सप्ताह में आयोग को भेजने के आदेश दिए हैं।
ह्यूमन ट्रैफिकिंग का शिकार हुई दोनों नेपाली बच्चियों को जब्बार नामक व्यक्ति नशीला पदार्थ सुंघाकर उन्हें अगवा करके लखनऊ लाया था। उसने चिनहट थाना क्षेत्र के गंगा बिहार कालोनी के निवासी पिन्नू नाम के व्यक्ति के घर उनकों पहुंचा दिया था। पिन्नू ने अपने घर पर दोनों बच्चियों को रखा था। उनसे घरेलू कार्यों, झाड़ू-पोछा, बर्तन धुलवाने एवं साफ-सफाई कार्यों को करवाता था। मामूली सी गलती होने पर उनकी बेरहमी से पिटाई की जाती थी। बच्चियों की उक्त दर्दनाक दास्ता की समाचार पत्रों में खबर प्रकाशित होने पर आयोग ने इसे गंभीरता से स्वतः संज्ञान लेते हुए सम्पूर्ण प्रकरण की जांच के आदेश दिए है। उक्त मामले में पुलिस प्रशासन के शिथिलता बरतने वाले अधिकारियों के विरूद्ध भी जांच रिपोर्ट आयोग को भेजने के आदेश दिए हैं।
विदित हो कि बरामद की गई दोनों बच्चियों को प्राग नारायण रोड, लखनऊ स्थित राजकीय बाल गृह शिशु में रखा गया है। बाल कल्याण समिति के सदस्य श्री अंशुमालि शर्मा ने दोनों बच्चियों को न्याय दिलाने, उनकों शोषण एवं अत्याचार से मुक्ति दिलाने आरोपित व्यक्तियों के विरूद्ध विधिक कार्रवाई किए जाने और दोनों बच्चियों को नेपाल निवासी उनके माता पिता को सुपुर्द किए जाने हेतु सक्रियता दिखाई है।