लखनऊ: उत्तर प्रदेश के भाषा विभाग के प्रमुख सचिव श्री जितेंद्र कुमार द्वारा आज यहां इंदिरा भवन स्थित संस्कृत संस्थान में उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ’ द्वारा संचालित सिविल सेवा निशुल्क प्रशिक्षण मार्गदर्शन कार्यक्रम के अंतर्गत वर्ष 2021 के यूपी पीसीएस की परीक्षा में संस्कृत विषय के साथ चयनित अभ्यर्थियों और संस्थाओं की योजनाओं के संदर्भ में आयोजित प्रेस वार्ता में संस्थान की उपलब्धियों एवं योजनाओं की जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि संस्थान द्वारा संस्कृत भाषा की उन्नति एवं प्रसार हेतु अनेकानेक कार्य किए जा रहे हैं।
प्रमुख सचिव ने बताया कि उत्तर प्रदेश पी0सी0एस0 वर्ष-2021 में उ0प्र0 प्रदेश संस्कृत संस्थान द्वारा संचालित निःशुल्क सिविल सेवा कोचिंग एवं मार्गदर्शन में अध्ययनरत् छात्रों में से 04 छात्रों ने सुश्री अनुराधा रानी 19 वां स्थान, (आवंटित पद- डिप्टी कलेक्टर), सुश्री चंचल त्यागी, (आवंटित पद- डिप्टी एस0पी0), देवेश पाण्डेय (आवंटित पद-नायब तहसीलदार) एवं वेद प्रकाश सिंह (आवंटित पद-नायब तहसीलदार) प्राप्त किया है। उ0प्र0 संस्कृत संस्थान द्वारा विगत वर्षों में उत्तर प्रदेश पी0सी0एस0 एवं अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में 15 छात्रों ने सफलता प्राप्त की, इस प्रकार निःशुल्क सिविल सेवा कोचिंग एवं मार्गदर्शन में अध्ययनरत् छात्रों में से कुल 19 ने अब तक सफलता प्राप्त की है।
प्रमुख सचिव ने बताया कि मा0 मुख्यमंत्री जी श्री योगी आदित्यनाथ जी की प्रेरणा से उ0प्र0 संस्कृत संस्थान द्वारा कई नवीन अन्य योजनाऐं संचालित की जा रहीं हैं। ऑनलाईन सरल संस्कृत सम्भाषण एवं आवासीय प्रशिक्षण योजना के तहत उ0प्र0 संस्कृत संस्थान द्वारा एक मिस्ड कॉल नं0-9522340003 जारी किया गया है। इस नंबर पर मिस्ड कॉल करने पर इच्छुक व्यक्ति के पास एक लिंक चला जाता है उस लिंक को खोलकर व्यक्ति अपने पसंदीदा समय व माह के लिए सरल संस्कृत संभाषण का प्रशिक्षण प्राप्त करने हेतु रजिस्ट्रेशन कर सकता है। यह कक्षा 20 दिन की होती है। कक्षा के अन्त में रजिस्टर्ड व्यक्ति की परीक्षा ली जाती है और परीक्षा मंे उत्तीर्ण व्यक्तियों को ई-प्रमाणपत्र प्रदान किया जाता है। वर्ष 2021-22 में 13342 प्रशिक्षणार्थी, वर्ष 2022-23 में 4254 प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण प्राप्त किया।
योग प्रशिक्षण शिविर योजना में वर्ष 2021-22 में 4800 प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण प्राप्त वर्ष 2022-23 में 1900 प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण प्राप्त है। प्रत्येक जनपद में वास्तु एवं ज्योतिष प्रशिक्षण शिविर हैं। वर्ष 2021-22 में 1032 प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण प्राप्त किया। प्रत्येक जनपद में पौरोहित्य कर्मकाण्ड प्रशिक्षण शिविरों में वर्ष 2021-22 में 1897 प्रशिक्षणार्थी उत्तीर्ण वर्ष 2022-23 में 600 प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण प्राप्त किया। व्याख्यान गोष्ठी योजना में गुरु पूर्णिमा समारोह, महर्षि वाल्मीकि जयन्ती समारोह, आद्यशंकराचार्य जयन्ती समारोह, धनवन्तरि जयन्ती समारोह एवं स्थापना दिवस समारोह का निरन्तर आयोजन किया जाता है।
एकमासात्मक नाट्य प्रशिक्षण योजना में संस्कृत भाषा के प्रचार-प्रसार के लिए यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण योजना है। जिसके माध्यम से 20-25 प्रशिक्षणार्थियों को संस्कृत संभाषण के साथ-साथ संस्कृत नाटकों के बारे में प्रशिक्षण दिया जाता है। प्रशिक्षण प्राप्त अभ्यर्थियों द्वारा प्रशिक्षण के अन्त में नाट्य प्रस्तुति दी जाती है यह योजना वर्ष 2019-20 से प्रारम्भ की गयी। पहले वर्ष 05, वर्ष 202-21 में 03 वर्ष 2021-22 में प्रशिक्षण उपरान्त 07 नाटकों का मंचन, वर्ष 2022-23 में प्रशिक्षण उपरान्त 01 नाटक का मंचन कराया गया है तथा 09 नाटको का मंचन शेष है।
आवासीय संस्कृत विद्यालयों/महाविद्यालयों को कम्प्यूटर मेज तथा बुक सेल्फ आदि का वितरण में अब तक 261 संस्कृत विद्यालयों को कम्प्यूटर मेज तथा बुक सेल्फ तथा संस्कृत के पाठ्यक्रम पर आधारित पुस्तकों की 05-05 प्रतियों का वितरण। कम्प्यूटर के माध्यम से संस्कृत कक्षा संचालन में वर्ष 2019-20 में उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद् से मान्यता प्राप्त 35 आवासीय संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में कम्प्यूटर द्वारा संस्कृत की कक्षाएं संचालित की गयीं। उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान पुस्तकालय का सुदृढ़ीकरण किया गया है। छात्रवृत्ति योजना में वर्ष 2019-20 में 731 छात्रों को, 2020-21 में 744 छात्रों को तथा 2021-22 में 290 छात्रों को छात्रवृत्ति प्रदान की गयी तथा वर्ष 2022-23 में विद्यालयों के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया चल रही है।
पुस्तक प्रकाशन अनुदान योजना में गत वर्ष पुस्तक प्रकाशन अनुदान यांेजना में 03 पुस्तकों अनुदान प्रदान किया गया। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 03 पुस्तकें अनुदान दिये जाने हेतु प्राप्त हुयी हैं। पाण्डुलिपि अनुसंधान, संस्कृत से सम्बद्ध अंतर्वैषयीय शोध तथा संस्कृत सर्वेक्षण हेतु कार्यशाला एवं शोधवृत्ति में उ0प्र0 संस्कृत संस्थान द्वारा प्रदेश के विभिन्न जनपदों में बीसवीं शताब्दी में उत्तरप्रदेशीय विद्वत् परम्परा के अन्तर्गत संस्कृत के विद्वानों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर शोध एवं सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है। लक्षित 28 जनपदों मे से 22 जनपदों में यह कार्य पूर्ण हो चुका है। सर्वेक्षण पत्रों का संपादन कार्य किया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में 17 जनपदों में शोध एवं सर्वेक्षण योजना गतिमान है।
पुस्तक प्रकाशन (पर्व पत्रिका, पंचांग प्रचार सामग्री, मासिक पत्रिका इत्यादि) वित्तीय वर्ष 2020-21 में इस योजना के माध्यम से श्रीमद् भागवत कथा का टीका सहित भाषा अनुवाद के एक खण्ड, परिशीलनम् पत्रिका आदि पुस्तकों का प्र्रकाशन कराया गया।
वित्तीय वर्ष 2021-22 में इस योजना के माध्यम से श्रीमद् भागवत कथा का टीका सहित भाषा अनुवाद के द्वितीय, तृतीय खण्ड, परिशीलनम् पत्रिका आदि पुस्तकों का प्रकाशन कराये जाने की योजना है। संस्थान द्वारा श्रीमद् भागवत कथा का टीका सहित भाषा अनुवाद के द्वितीय, तृतीय खण्ड, का प्रकाशन किया जा चुका है। श्रीमद् भागवत कथा का टीका सहित भाषा अनुवाद के चतुर्थ भाग पर कार्य किया जा रहा है। संस्कृत की बालपत्रिका बालसंस्कृतम् का कथा विशेषांक का भी मुद्रण कराया गया।
पुरस्कार योजना में उ0प्र0 संस्कृत संस्थान द्वारा संस्कृत के 50 मूर्धन्य विद्वानों को प्रतिवर्ष पुरस्कार प्रदान किया जाता है। इस वर्ष पुरस्कारों का वितरण 31 दिसम्बर 2022 अथवा यू0पी0 दिवस 24 जनवरी 2023 तक कर लिया जायेगा।
इस अवसर पर परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों ने उ0प्र0 संस्कृत संस्थान द्वारा संचालित निःशुल्क कोचिंग योजना के प्रति अपना आभार व्यक्त किया और कहा कि उनकी सफलता में उ0प्र0 संस्कृत संस्थान का महत्वपूर्ण योगदान है।