नई दिल्ली: राजस्थान के उदयपुर और महाराष्ट्र के अमरावती में नृशंस हत्याओं को लेकर सुरक्षा एजेंसियां चौकन्नी हो गईं हैं। इसे लेकर आतंकवाद रोधी जांच एजेंसी एनआईए के प्रमुख ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की।
समझा जाता है कि उन्होंने राजस्थान के उदयपुर और महाराष्ट्र के अमरावती में दो लोगों की हत्याओं की चल रही जांच में प्रगति के बारे में उन्हें जानकारी दी। एनआई के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। गृह मंत्रालय ने दोनों मामले एनआईए को सौंपे थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने गृह मंत्री के साथ उनके नार्थ ब्लाक कार्यालय में 40 मिनट की बैठक की, जहां कहा जाता है कि पूर्व ने उन्हें दो मामलों की जांच के बारे में अवगत कराया।
उदयपुर और अमरावती में हुईं हत्याएं
28 जून को उदयपुर में एक दर्जी कन्हैयालाल कुमार की दुकान के अंदर दो लोगों ने गला काट कर हत्या कर दी, जबकि 21 जून को अमरावती में एक केमिस्ट दुकान के मालिक उमेश कोल्हे की कई लोगों ने बर्बरता पूर्वक हत्या कर दी।
अमरावती हत्याकांड का मास्टरमाइंड गिरफ्तार
अमरावती हत्याकांड में अमरावती की एक जिला अदालत ने मुख्य आरोपी और हत्याकांड के मास्टरमाइंड इरफान शेख को 7 जुलाई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। आरोपी की पहचान इरफान शेख के रूप में की गई है, जिसे रविवार को नागपुर में अमरावती पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। छह आरोपियों की पहचान मुदस्सिर अहमद (22) के रूप में हुई है; शाहरुख पठान (25); अब्दुल तौफिक (24); शोएब खान (22); आतिब राशिद (22) और युसुफकान बहादुर खान (44)।
जांचकर्ताओं का अब तक मानना है कि केमिस्ट की हत्या कथित तौर पर एक सोशल मीडिया पोस्ट के बदले में की गई थी, जिसमें बीजेपी की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा का समर्थन किया गया था, जिन्होंने एक टेलीविजन बहस में पैगंबर पर विवादास्पद टिप्पणी की थी।
सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर उदयपुर में हुई थी हत्या
उदयपुर मामले में हमलावरों ने वीडियो में अपनी पहचान रियाज अख्तरी और गौस मोहम्मद के रूप में बताई है। वीडियो में रियाज 47 वर्षीय कन्हैया लाल पर धारदार हथियार से हमला करते हुए दिखाई दे रहा था, जबकि दूसरे आरोपी गौस गोहम्मद ने अपने मोबाइल फोन में अपराध को रिकार्ड किया था। कथित तौर पर पीड़ित ने हाल ही में पूर्व भाजपा नेता नूपुर शर्मा के समर्थन में एक सोशल मीडिया पोस्ट साझा किया था, जिन्होंने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ विवादास्पद टिप्पणी की थी।
इन घटनाओं के पीछे आतंकी गिरोह का हाथ
एनआईए ने गुरुवार को कहा कि उसे इस मामले में ‘आतंकवादी संगठन नहीं बल्कि एक आतंकी गिरोह’ की भूमिका पर संदेह है। हालांकि, आतंकवाद विरोधी एजेंसी ने यह स्पष्ट किया कि इस नृशंस हत्या के पीछे एक बड़े गिरोह की भूमिका है, यह सिर्फ केवल दो व्यक्तियों द्वारा किया गया एक अपराध को अंजाम देने जैसा नहीं है, जिन्हें अपराध के बाद राज्य पुलिस ने गिरफ्तार किया था।
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