लखनऊ: उत्तर प्रदेश के वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना की अध्यक्षता में आज संविधान दिवस के अवसर पर लोक भवन के सभागार में आयोजित मुख्य कार्यक्रम में संविधान की आत्मा श्उद्देशिकाश् का पाठन किया गया। कार्यक्रम में नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री श्री ए के शर्मा, राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार श्रीमती गुलाब देवी एवं राज्य मंत्री श्रीमती विजय लक्ष्मी गौतम, श्री सतीश शर्मा, श्री अनूप प्रधान बाल्मीकि, श्रीमती रजनी तिवारी, श्री राकेश राठौर, श्री संजीव कुमार आदि भी उपस्थित थे।
श्री सुरेश कुमार खन्ना ने अपने संबोधन में कहा कि 26 जनवरी, 1950 को संविधान हमारे देश में लागू हुआ, लेकिन संविधान सभा द्वारा 26 नवंबर, 1949 को ही संविधान अंगीकृत कर लिया गया था। उन्होंने कहा कि 2015 से पहले संविधान दिवस मनाने के संबंध में कोई विचार नहीं किया, परंतु भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी धन्यवाद के पात्र हैं, जिन्होंने पूरे देश में ‘संविधान दिवस’ के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम के रूप में मनाए जाने के लिए प्रेरित किया, जिससे कि सभी देशवासी संविधान की महत्ता एवं कर्तव्य बोध समझ सकंे।
श्री खन्ना ने कहा कि संविधान में मौलिक अधिकारों के उल्लेख के साथ संविधान के अनुच्छेद-51क में 42 वें संविधान संशोधन के अंतर्गत मौलिक कर्तव्यों का उल्लेख किया गया है। उन्होंने कहा कि संविधान की प्रस्तावना के साथ मौलिक कर्तव्यों का भी विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि हम अधिकारों की बात तो करते हैं परंतु अधिकार तब तक नहीं मिल सकते जब तक उससे जुड़े व्यक्ति अपने कर्तव्य का पालन न करें।
उन्होंने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने दुनिया के संविधान में जो अच्छी चीजें थी उसको भारतीय संविधान में समाहित किया है। उन्होंने डॉ भीमराव अंबेडकर के एक वक्तव्य को कोट करते हुए कहा कि संविधान कितना भी अच्छा क्यों ना हो, उसे लागू करने वाले की मनसा और कार्य करने की शैली प्रभावी रहती है।
श्री खन्ना ने मौलिक कर्तव्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद-51क में 11 मौलिक कर्तव्यों का उल्लेख है। संविधान दिवस पर इन मौलिक कर्तव्यों का विशेष महत्व है, जिससे कि इस अवसर पर हम इन कर्तव्यों को अवश्य याद करें और उनका पालन करें। अधिकारों का महत्व तभी है जब हम अपने कर्तव्य को भलीभांति समझें और उसका पालन करें।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि हमारा लोकतंत्र दुनिया का सबसे प्राचीनतम लोकतंत्र है, और उस लोकतंत्र का प्राण हमारे संविधान में बसता है। संविधान निर्माताओं ने तमाम देशों के संविधानो का अध्ययन करने के उपरांत अपने देश की संस्कृति, चेतना और विरासत को समावेशित करते हुए इस संविधान का निर्माण किया है। आज जब हम आजादी के 75 साल बाद आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे थे तो नए संकल्प के साथ आजादी का अमृत काल जब हम आजादी के 100 साल मनाएंगे तो एक विकसित राष्ट्र के रूप में मनाएंगे। इस संकल्प के साथ माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में देश आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि संविधान में जिन कर्तव्यों का उल्लेख किया गया है उनका पालन करते हुए हम इस अमृत काल में अपने देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए हर नागरिक अपने कर्तव्यों का पालन करे।
कार्यक्रम के दौरान श्री सुरेश कुमार खन्ना द्वारा सचिवालय परिसर में स्वच्छ सचिवालय अभियान संबंधी कार्यक्रम के अंतर्गत श्रीमती चंचलता श्रीवास्तव को प्रथम पुरस्कार, श्री किसलय सिंह को द्वितीय पुरस्कार तथा श्री जुबेर हुसैन को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त बाह्य परिसर के लिए श्री मोहित अग्रवाल एवं रामजनम यादव को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया। संविधान दिवस की अवसर पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में दिल्ली पब्लिक स्कूल जानकीपुरम विस्तार की पारखी मिश्रा, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज मलिहाबाद की बुशरा हसीन तथा शिया पीजी कॉलेज की सपना सिंह को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया। निबंध प्रतियोगिता के अंतर्गत बेसिक विद्यालय खुशाल गंज काकोरी लखनऊ की काजल रावत, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज शाहमिना रोड लखनऊ की सलोनी जयसवाल व शिया पीजी कॉलेज के हीरा मलिक को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया।
इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों से आए हुए विधायक गण, अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन श्री हेमंत राव, प्रमुख सचिव विधान परिषद श्री राजेश सिंह, प्रमुख सचिव विधानसभा श्री प्रदीप दुबे, प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा श्री दीपक कुमार, जिलाधिकारी लखनऊ श्री सूर्यपाल गंगवार एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण एवं कर्मचारी गण तथा विभिन्न स्कूलों की छात्र-छात्राएं भी उपस्थित थी।