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UIDAI द्वारा निर्धारित बायोमैट्रिक मानक को Bypass एवं Clone Finger Print बनाकर आधार कार्ड बनाने वाले Hackers गिरोह का पर्दाफाश

UIDAI द्वारा निर्धारित बायोमैट्रिक मानक को Bypass एवं Clone Finger Print बनाकर आधार कार्ड बनाने वाले Hackers गिरोह का पर्दाफाश
उत्तर प्रदेश

लखनऊ: एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश को UIDAI द्वारा निर्धारित बायोमैट्रिक मानक को Bypass एवं Clone Finger Print बनाकर आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह के सरगना सौरभ सिंह सहित 10 अभियुक्तों को जनपद-कानपुर-नगर में गिरफ्तार करने मे उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई।

गिरफ्तार अभियुक्तोें का विवरण-

  1.  सौरभ सिंह पुत्र भूपेन्द्र सिंह निवासी म0नं0-के0 22 विष्व बैंक कालोनी थाना बर्रा जनपद कानपुर नगर।
  2. शुभम सिंह पुत्र भूपेन्द्र सिंह निवासी म0नं0-के0 22 विष्व बैंक कालोनी थाना बर्रा जनपद कानपुर नगर।
  3. शोभित सचान पुत्र ज्ञानेन्द्र सिंह निवासी के0 219 विष्व बैंक कालोनी थाना बर्रा जनपद कानपुर नगर।
  4. शिवम कुमार पुत्र दिनेश कुमार निवासी ग्राम सगरा थाना जाफरगंज जनपद फतेहपुर।
  5. मनोज कुमार पुत्र मलखान निवासी ग्राम घीरा थाना बिंदकी जनपद फतेहपुर।
  6. तुलसीराम पुत्र राम प्रकाश शकय निवासी-ग्राम चैधरी भोगाव थाना भोगाव जनपद मैनपुरी।
  7. कुलदीप सिंह पुत्र स्व0 शिव कुमार सिंह निवासी ग्राम सरसीडीह थाना कन्धई जनपद प्रतापगढ़।
  8. चमन गुप्ता पुत्र अष्वनी गुप्ता निवासी पीहानी चुंगी थाना कोतवाली देहात हरदोई।
  9. गुड्डू गोंड पुत्र कल्पनाथ गोंड निवासी ग्राम विसुनपुरा थाना अहिरौला जनपद आजगढ़।
  10. सतेन्द्र कुमार पुत्र चन्द्रपाल निवासी म0नं0-119 के0आर0 पुरम संगवा रोड थाना चकेरी जनपद कानपुर नगर।

बरामदगी का विवरण-

  1.  लैपटाप- 11 अदद
  2. कृत्रिम फिंगर प्रिंट कागज पर- 38 अदद
  3. कृत्रिम फिंगर प्रिंट कैमिकल निर्मित- 46 अदद
  4. मोबाइल फोन मय सिम कार्ड- 12 अदद
  5. आधार फिंगर स्कैनर- 02 अदद
  6. फिंगर स्कैनर डिवाइस- 02 अदद
  7. आइरिस (रेटिना स्कैनर)- 02 अदद
  8. रबर स्टैम्प (मोहर)- 08 अदद
  9. आधार कार्ड- 18 अदद
  10. वेब कैम- 01 अदद
  11. GPS एक्युपमेंट- 01 अदद
  12. Polymer Curing Instrument (UV Rays)-01 अदद
  13. Photo Polymer Rayses गुलाबी मिकल- 01 अदद
  14. Printo Print Enhancer– 01 अदद।
  15. पारदर्षी काॅच की प्लेट जिसके मध्य टेप से चिपका कृत्रिम फिंगर प्रिंट- 02 अदद

विगत दिनोें एस0टी0एफ0 उत्तर प्रदेश को प्रदेश के मुख्य शहरों में Tampered Client Application के माध्यम से आपरेटर्स तथा इनरोलमेंट एजेन्सी के अनाधिकृत व्यक्तियों द्वारा आपरेटर्स अनिवार्य प्रमाणित लांॅगिन आई0डी0 का दुरुपयोग एवं बाईपास कर फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह के सक्रिय होने की सूचना प्राप्त हो रही थी। इस तथ्य की UIDAI को जानकारी होने पर UIDAI के डिप्टी डायरेक्टर द्वारा साइबर क्राइम थाना, लखनऊ में मु0अ0सं0-02/2017 धारा 416/419/467/471 भादवि एवं 66/66 सी/66 डी आई0टी0 एक्ट पंजीकृत कराया गया। इसके पूर्व आधार कार्ड से सम्बन्धित अभियेाग जनपद-लखनऊ, देवरिया व कुशीनगर में भी पंजीकृत कराये जा चुके हैं। अन्तर्राज्यीय गिरोह के सक्रिय होने के कारण UIDAI के अधिकारियों द्वारा एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश से इस गिरोह का पर्दाफाश करने में सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया गया। इस सम्बन्ध में श्री अमिताभ यष, पुलिस महानिरीक्षक, एस0टी0एफ0, उत्तर प्रदेश एवं श्री मनोज तिवारी, पुलिस उपमहानिरीक्षक, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एस0टी0एफ0, उ0प्र0 द्वारा श्री त्रिवेणी सिंह, अपर पुलिस अधीक्षक कोे अपनी टीम के माध्यम से अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया।  इसके अनुपालन में उनके द्वारा अभिसूचना संकलन की कार्यवाही प्रारम्भ की गयी तथा अभिसूचना तंत्र को सक्रिय किया गया।

अभिसूचना संकलन के दौरान ज्ञात हुआ कि उक्त गिरोह उत्तर प्रदेष के विभिन्न जनपदों में सक्रिय हैं तथा फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गिरोह का मास्टरमाइण्ड सौरभ सिंह, कानपुर का रहने वाला है।  प्राप्त अभिसूचनाओं को विकसित एवं सत्यापित करते हुए एस0टी0एफ0 मुख्यालय की साइबर टीम द्वारा अथक प्रयास कर इस गिरोह के मास्टर माइण्ड सौरभ सिंह को चिन्हित करते हुए उसके ठिकाने व आवागमन की जानकारी प्राप्त की गयी तथा सटीक सूचना प्राप्त होने पर अपर पुलिस अधीक्षक त्रिवेणी ंिसंह के निर्देशन में दिनंाकः 09-09-2017 को म0नं0-के0 22, विष्व बैंक कालोनी थाना बर्रा, कानपुर नगर में दबिश देकर इस गिरोह के मास्टर माइण्ड सौरभ ंिसंह सहित उपरेाक्त 10 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया, जिनसे उपरोक्त बरामदगी हुई।

गिरफ्तार अभियुक्तो ने पूछताछ पर बताया कि वे आधार कार्ड बनाने के लिये निधार्रित विधिक प्रणाली/मानकों को बाईपास करते हुए बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से अधिकृत आपरेटर्स के फिंगर प्रिन्ट ले लेते है।  इसके बाद उसका बटर पेपर पर लेजर प्रिंटर से प्रिंट आउट निकालते हैं। तत्पश्चात फोटो पाॅलीमर रेजिन केमिकल डालकर पाॅलीमर क्यूरिंग उपकरण (यू.वी.रेज) मे पहले 10 डिग्री उसके पष्चात 40 डिग्री तापमान पर कृत्रिम फिंगर प्रिन्ट, मूल फिंगर प्रिन्ट के समान तैयार कर लेते है।  उसी कृत्रिम फिंगर प्रिन्ट का प्रयोग करके आधार कार्ड की वेबसाइट पर लाॅगिन करते है। आपरेटर के इस कृत्रिम फिंगर प्रिन्ट का उपयोग आपरेटर के अतिरिक्त अन्य व्यक्तियों द्वारा अलग-अलग स्थानों पर करके आधार कार्ड के इनरोलमंेट की प्रकिया पूरी कर लेते है।  तैयार किया गया कृत्रिम फिंगर प्रिन्ट आपरेटर के मूल फिंगर प्रिन्ट की भाॅति ही काम करता है। उल्लेखनीय है कि पूर्व में आधार कार्ड बनाने के लिए आॅपरेटर को अपने फिंगर प्रिन्ट के माध्यम से आधार की क्लाइंट एप्लीकेशन को एक्सेस किया जाता था लेकिन जब हेकर्स द्वारा क्लोन फिंगर प्रिन्ट बनाये जाने लगे तब यू0आई0डी0ए0आई0 ने फिंगर प्रिन्ट के अतिरिक्त बायोमेट्रिक में आॅपरेटर के IRIS भी आॅथेन्टीकेशन प्रोसेस का हिस्सा बना दिया, जिस कारण फर्जी आॅपरेटर्स का एक्सेस नियंत्रित हो गया लेकिन पूछताछ पर यह जानकारी भी संज्ञान में आयी कि बायोमेट्रिक एवं IRIS को भी बाइपास करने हेतु नये क्लाइन्ट एप्लीकेशन  हेकर्स द्वारा बना लिये गये।  इस कारण आपरेटर्स IRIS एवं फिंगर प्रिन्ट दोनो को बाइपास करने में सफल हो गये।  यह एप्लीकेशन हेकर्स अनधिकृत आपरेटर्स को भेजकर उनसे प्रत्येक से 5-5 हजार रूपये लेने लगे।  इस प्रकार एक आपरेटर की आई0डी0 पर अनेक मशीने एक साथ काम करने लगी।

पूछताछ एवं जाॅच से यह भी तथ्य प्रकाष मे आया है कि UIDAI द्वारा निर्धारित Information Secuirty Policy का Registrars, Enrollment Agencies, Supervisors, verifiers एवं Operators द्वारा नही किया गया हैं जिसके कारण भ्ंबामते  फर्जी तरीके से आधार कार्ड बनाने में सफल हुए। सम्पूर्ण आधार इनरोलमेन्ट प्रक्रिया की सिक्योरिटी आडिट करायी जायेगी।

गिरफ्तार अभियुक्तोें को साइबर क्राइम पुलिस थाना, लखनऊ में मुकदमा उपरोक्त में अन्तर्गत धारा- 419, 420, 467, 468, 471, 473, 474, 34 भादवि व 66, 66सी, 66डी, आई0टी0 एक्ट व 7/34 आधार अधिनियम, 2016 दाखिल कर, अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है। इस गिरोह से जुडे अन्य लोग प्रकाष में आये हैं, जिनकी तलाष की जा रही है।

MODUS OPERANDI:
गिरोह द्वारा UIDAI द्वारा निधार्रित बायोमेट्रिक मानक को Clone Finger Print के माध्यम से Bypass एवं UIDAI के ।Application Client के Source Code को Tamper करके Fake Tampered Client Application बनाकर निर्धारित Operator Authentication Process dks Bypass करके आधार कार्ड बनाया जाता है।

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