नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के सीईओ को आधार योजना पर आज उसके समक्ष प्रेजेंटेशन देने की अनुमति दी है। प्रेजेंटेशन शुरु हो चुका है और यह यूआईडीएआई के मुख्य कार्यकारी अजय भूषण पांडेय की ओर से दिया जा रहा है। इस दौरान UIDAI ने कोर्ट में कहा कि बायोमेट्रिक पर 100 प्रतिशत निर्भर नहीं रह सकते। आधार व्यवस्था में हैं कई खामियां।
नागरिकों के पास नहीं था कोई वैध पहचान पत्र
अपने प्रेजेंटेशन में उन्होंने बताया कि आधार कार्ड से पहले देश के नागरिकों के पास कोई राष्ट्रीय पहचान पत्र नहीं था तो जो सभी राज्यों में स्वीकार हो जाए। इस पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन के लिए चीफ जस्टिस की अदालत में दो स्क्रिन लगाए गए हैं जिसमें एक का रुख बेंच की ओर जबकि दूसरे का वकीलों की ओर रखा गया है।
10 मीटर ऊंची-4 मीटर चौड़ी दीवार के पीछे सुरक्षित है डेटा
सरकार ने कल कोर्ट को बताया कि आधार का डाटा सेंट्रल आईडेंटिटीज रिपाॅजिटरी में 10 मीटर ऊंची और 4 मीटर चौड़ी दीवार के पीछे सुरक्षित है। बता दें कि संविधान पीठ आधार और आधार को मंजूरी देने वाले कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली विभिन्न याचिकाओं की सुनवाई कर रही है। पीठ ने कल कहा था कि आधार योजनाओं से जुड़े कई तकनीकी मामले हैं, जैसे डेटा सुरक्षा और आधार का सत्यापन नहीं हो पाने या आधार की अनुपलब्धता के कारण कुछ लोगों को लाभ से वंचित रखना।
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