देशवासियों द्वारा आधार अपनाने और इसका उपयोग करने में अच्छी प्रगति जारी है, जो दर्शाता है कि यह जीवन यापन को आसान बनाने में कैसे सहायता प्रदान कर रहा है। केवल सितंबर में, 25.25 करोड़ ई-केवाईसी लेनदेन आधार के माध्यम से किए गए, जो अगस्त की तुलना में लगभग 7.7 प्रतिशत ज्यादा है।
एक ई-केवाईसी लेनदेन केवल आधार धारक की स्पष्ट सहमति से पूरा किया जाता है, जो कागजी कार्रवाई और केवाईसी के लिए व्यक्तिगत सत्यापन की आवश्यकता को समाप्त करता है।
आधार ई-केवाईसी सेवा बेहतर और पारदर्शी ग्राहक अनुभव के साथ व्यापार करने में आसानी प्रदान करके बैंकिंग और गैर-बैंकिंग वित्तीय सेवाओं के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
आधार के माध्यम से अब तक ई-केवाईसी लेनदेन की कुल संख्या सितंबर 2022 के अंत तक बढ़कर 1297.93 करोड़ हो गई है।
इसी तरह, आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) आय आरेख में सबसे निचले स्तर पर वित्तीय समावेश करने में सहायक रही है।
संचयी रूप से, सितंबर 2022 के अंत तक अब तक एईपीएस और माइक्रो एटीएम नेटवर्क के माध्यम से अंतिम सिरे पर 1549.84 करोड़ बैंकिंग लेनदेन संभव किये गए हैं। सिर्फ सितंबर में, पूरे भारत में 21.03 करोड़ एईपीएस लेनदेन किए गए।
सितंबर में आधार के जरिए 175.41 करोड़ सत्यापित लेनदेन किए गए। इनमें से अधिकांश मासिक लेनदेन फिंगरप्रिंट बायोमेट्रिक सत्यापन का उपयोग करके पूरे किये गए, जबकि लेनदेन के लिए जनसांख्यिकीय और ओटीपी प्रमाणीकरण का भी उपयोग किया गया।
अब तक, संचयी रूप से 8250.36 करोड़ सत्यापित लेनदेन सितंबर के अंत तक पूरे किए जा चुके हैं, जो दिखलाता है कि आधार अपने घोषित दृष्टिकोण के प्रति कितनी निष्ठा रखता है।
भारत की वयस्क आबादी के बीच आधार अब सार्वभौमिक है। सितंबर के अंत तक सभी आयु वर्गों में, आधार का कार्य 93.92 प्रतिशत तक पूरा हो चुका है।
सितंबर महीने के दौरान, निवासियों ने 1.62 करोड़ से अधिक आधारों को सफलतापूर्वक अपडेट किया, जबकि अगस्त में इस तरह के 1.46 करोड़ अपडेट किए गए थे।
कुल मिलाकर, अब तक (सितंबर के अंत में) देशवासियों के अनुरोधों के बाद 66.63 करोड़ से अधिक आधार नंबर सफलतापूर्वक अपडेट किए गए हैं।
भौतिक आधार केंद्रों पर और ऑनलाइन आधार प्लेटफॉर्म का उपयोग करके किए गए ये अपडेट अनुरोध, जनसांख्यिकीय के साथ-साथ बायोमेट्रिक अपडेट से संबंधित हैं।
चाहे अंतिम सिरे की बैंकिंग के लिए एईपीएस हो, ई-केवाईसी हो, आधार सक्षम डीबीटी हो या सत्यापन हो, आधार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल इंडिया के विज़न को समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
आधार, सुशासन की एक डिजिटल अवसंरचना है, जो जीवन यापन में आसानी और व्यापार करने में आसानी, दोनों को सुविधा प्रदान करती है। डिजिटल आईडी; केंद्र और राज्यों में विभिन्न मंत्रालयों और विभागों को कार्यकुशलता व पारदर्शिता के साथ लाभार्थियों के बीच कल्याणकारी सेवाओं के वितरण में सुधार करने में मदद कर रही है।
अब तक देश में केंद्र और राज्यों दोनों द्वारा चलाई जा रही लगभग 1000 कल्याणकारी योजनाओं को आधार का उपयोग करने के लिए अधिसूचित किया गया है।