नई दिल्ली: भारतीय परिवार अब काफी तेजी से एलईडी बल्बों का उपयोग करने लगे हैं, ताकि उनके घरों में बिजली की खपत कम हो सके। एनर्जी एफिसिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) ने
भारत सरकार की उजाला (सभी के लिए किफायती एलईडी के जरिये उन्नत ज्योति) योजना के तहत देश के 125 शहरों में एक साल के अंदर 8 करोड़ से भी ज्यादा एलईडी बल्ब वितरित किएहैं। यह उपलब्धि आज दोपहर हासिल की गई। यह उपलब्धि और कम विद्युत खपत सुनिश्चित करने में नागरिकों के योगदान को प्रतिबिम्बित करती है।
विश्व भर में ऊर्जा बचत में सर्वाधिक योगदान करने वालों में कम खपत वाली घरेलू रोशनी भी शामिल है। 12 माह की अवधि के अंदर 8 करोड़ एलईडी बल्बों के वितरण का लक्ष्य हासिल करने के परिणामस्वरूप 2.84 करोड़ केडब्ल्यूएच की दैनिक बचत संभव हो पाई है। यह बचत 365 दिनों तक 20 लाख से भी ज्यादा घरों को रोशन करने में सक्षम है। यूनिट के लिहाज से बिजली की बचत करने के अलावा कार्बन-डाई-ऑक्साइड के दैनिक उत्सर्जन में 23,000 टन की कमी करने से भी देश लाभान्वित हुआ है।
मौजूदा समय में उजाला योजना का पूरी तरह से संचालन राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, बिहार, आन्ध्र प्रदेश, पुडुचेरी, झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तराखंड में हो रहा है। कई और राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश जल्द ही राष्ट्रीय कार्यक्रम लांच करेंगे।
एनर्जी एफिसिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) द्वारा क्रियान्वित की जा रही उजाला योजना को देश के ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में व्यापक तौर पर स्वीकार किया गया है। बड़े पैमाने पर इसे स्वीकार किये जाने का मुख्य कारण एलईडी बल्बों की खास क्षमता है, जिसके बल पर वे कम वोल्टेज रहने पर भी लगातार सही ढंग से जलते रहते हैं। वहीं, दूसरी ओर तापदीप्तएवं सीएफएल बल्ब कम वोल्टेज में आम तौर पर अच्छा प्रदर्शन करने में विफल साबित होते हैं। यही नहीं, उजाला योजना के तहत वितरित किए गए एलईडी बल्ब का दाम इसके बाजार मूल्य का एक तिहाई है। बेहतर गुणवत्ता वाले इन बल्बों पर तीन साल की मुफ्त प्रतिस्थापन वारंटी भी दी जाती है।
18 मार्च तक एलईडी बल्बों का राज्यवार वितरण कुछ इस प्रकार रहा –
राज्य | वितरण संख्या |
हिमाचल प्रदेश | 51,98,831 |
उत्तराखंड | 20,35,770 |
हरियाणा | 50 |
दिल्ली | 60,06,744 |
उत्तर प्रदेश | 91,70,140 |
राजस्थान | 96,69,301 |
बिहार | 1,45,817 |
झारखंड | 39,37,279 |
छत्तीसगढ़ | 8,17,512 |
महाराष्ट्र | 1,15,55,894 |
आन्ध्र प्रदेश | 1,83,87,213 |
कर्नाटक | 46,40,109 |
पुडुचेरी | 6,09,251 |
केरल | 55,99,139 |
पृष्ठभूमि
भारत में कुल खपत में प्रकाश क्षेत्र का योगदान लगभग 20 प्रतिशत है। मौजूदा समय में घरेलू एवं सार्वजनिक प्रकाश क्षेत्र की रोशनी संबंधी ज्यादातर आवश्यकताओं की पूर्ति अक्षम,पारंपरिक, तापदीप्त बल्बों से की जाती है।
भारत सरकार एलईडी के जरिये भारत में सभी 77 करोड़ अक्षम बल्बों को बदलने के लक्ष्य को पाने के लिए प्रतिबद्ध है। इससे हर साल 20,000 मेगावाट लोड की कमी संभव होगी, 100 अरब केडब्ल्यूएच की ऊर्जा बजत होगी और ग्रीन हाउस गैस (जीएचजी) में 80 मिलियन टन की कमी संभव हो पाएगी। यह अनुमान लगाया गया है कि यह देश में तकरीबन 5 बड़े ताप विद्युत संयंत्रों की स्थापना के समतुल्य है। इसके अलावा, देश में उपभोक्ताओं के बिजली बिलों में भी 40,000 करोड़ रुपये की बचत होगी।
उपभोक्तागण www.delp.in पर जाकर अपने घर के सर्वाधिक निकट स्थित वितरण कियोस्क का पता लगा सकते हैं। एलईडी बल्ब को अपनाने वाला प्रत्येक व्यक्ति ऊर्जा बचत के जरिये किसी और के घर को भी रोशन करने में मददगार साबित होगा।
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