देहरादून: शासन स्तर पर ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना से संबंधित औपचारिकताओं को शीघ्र पूरा करने के लिए एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाए। रेल विकास निगम लिमिटेड के सीएमडी सतीश अग्निहोत्री के साथ बैठक के दौरान मुख्यमंत्री हरीश रावत ने यह निर्देश देते हुए कहा कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना उŸाराखण्ड के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसके लिए राज्य स्तर से जो भी औपचारिकताएं पूरी की जानी हैं, उन्हें प्राथमिकता से पूरा किया जाए। सम्पूर्ण परियोजना की वन स्वीकृति के लिए प्रस्ताव दो पार्ट में लिए जाए।
ऋषिकेश से चंद्रभागा नदी तक 9 किमी मार्ग के लिए वन स्वीकृति की प्रक्रियाओं को पूरा किया जाए ताकि इसका कार्य जल्द प्रारम्भ किया जा सके। जबकि इसके आगे लगभग 119 किमी मार्ग की वनस्वीकृति की प्रक्रिया अलग से पूरी की जाए। मुख्यमंत्री ने सुझाव दिया कि रेल मार्ग के लिए टनल बनाने से जो मलबा निकलेगा उसके निस्तारण के लिए लोक निर्माण विभाग के माध्यम से नेशनल हाईवे के किनारे स्थान चिन्हित किए जा सकते हैं। वहां इस मलबे का उपयोग यथासम्भव मार्ग चैड़ीकरण व छोटे-छोटे मार्केट विकसित करने में किया जा सकता है।
रेल विकास निगम के सीएमडी सतीश अग्निहोत्री ने बताया कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल परियोजना की लम्बाई लगभग 125 किमी है। इसमें से पहले 9 किमी का भाग सरफेस पर जबकि उसके आगे का 80 प्रतिशत से अधिक भाग टनल में निर्मित होना है। परियोजना के लिए 150 करोड़ रूपए भारत सरकार से स्वीकृत किए जा चुके हैं। इस अवसर पर मुख्य सचिव एन रविशंकर, प्रमुख सचिव वन डा. रणवीर सिंह सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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