20 दिन से अधिक से रूसी सेना यूक्रेन पर आक्रमण कर रही है लेकिन अब तक यूक्रेन की राजधानी तक नहीं पहुंच सकी है। कीव और इसके उपनगर अब तक रूसी हमलों से करीब-करीब अछूते रहे हैं। रिपोर्ट्स बताती हैं कि कीव के अधिकतर नागरिक शहर छोड़ चुके हैं।
ये लोग पश्चिमी यूक्रेन या पड़ोसी देश चले गए हैं। बीबीसी ने अपने एक रिपोर्ट में बताया है कि रूसी सेना को कीव पहुंचने में कहां दिक्कत आ रही है। बीबीसी ने इसे लेकर यूक्रेनी जनरलों से बातचीत की है जो कीव की रक्षा के लिए जिम्मेदार हैं।
नदियों ने कीव को बचाए हुआ है?
कीव की रक्षा के लिए जिम्मेदार जनरलों ने बीबीसी से बातचीत में कहा है कि वे रूसी तोपों को शहर से बाहर रखने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। जनरल एंड्री क्रिस्चेंको ने कहा है कि शहर की टोपोग्राफी और टेरेन हमारी मदद करता है। कीव बड़ा शहर है जो कि फैला हुआ है। इसे नदियों ने काटा है। नीपर नदी ने शहर को दो भागों में बांटा हुआ है। इसके साथ ही इसकी सहायक नदियां भी कीव में बहती हैं।
क्रिस्चेंको ने बताया है कि शहर के चारों ओर कई छोटी नदियां हैं। इसका मतलब ये है कि यह क्षेत्र बड़े पैमाने पर सैनिकों की आवाजाही के लिए उपयुक्त नहीं है। हमारे सैनिक पुल के करीब लगातार सुरक्षा बढ़ा रहे हैं और किलेबंदी का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने कहा है कि कीव एक इंडस्ट्रियल शहर है। ऐसे में किलेबंदी के लिए जरूरी हर जरूरी चीजों का उत्पादन किया जा रहा है। कंक्रीट ब्लॉक, सैंडबैग सहित टैंक्स को रोकने वाले सामान।
रणनीतिक पुल उड़ाए गए
जनरल कन्याजेव ने बताया है कि उत्तर-पश्चिम यूक्रेन अब तक रूस का मुख्य फोकस बना हुआ है। रूसी पैदल सेना इस आक्रमण को लीड कर रही है। यही कारण है कि हमने रणनीतिक तौर पर अहम पुलों को उड़ा दिया है। उन्होंने कहा है कि ये दलदली क्षेत्र है और रूसी सैनिक इसे पार नहीं कर सकते।
हालांकि कुछ एक्सपर्ट्स ने यह भी कहा है कि रूस ने अब तक पूरी ताकत से कीव पर हमला नहीं किया। रूसी सैनिक धीरे-धीरे यूक्रेन में आगे बढ़ रही है। ऐसे में यह कहना अभी जल्दबाजी होगी कि रूसी सेना कीव पर कब्जा करने में नाकाम रहे हैं।
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