नई दिल्ली: केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री सुश्री उमा भारती ने कहा है कि यमुना कार्य योजना के कार्यान्वयन के
दौरान नदी के मूल चरित्र को बरकरार रखा जाएगा। आज नई दिल्ली में इस कार्य योजना के तीसरे चरण की कुछ योजनाओं का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि इस काम में सरकार और समाज के प्रत्येक वर्ग की सामूहिक जिम्मेदारी बनती है। यमुना कार्य योजना के पहले और दूसरे चरण का उल्लेख करते हुए मंत्री महोदया ने कहा कि इस काम में 15 अरब रूपये खर्च करने के बावजूद संतोषजनक परिणाम नहीं निकले।
उन्होंने कहा कि हमने पूर्व के अनुभवों से सबक लेकर यमुना कार्य योजना के तीसरे चरण को व्यापक विचार-विमर्श के बाद इस तरह तैयार किया है जिससे कि यमुना के स्वरूप में परिवर्तन सभी को दिखे। लखवाड़-व्यासी परियोजना का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूरा होते ही दिल्ली में यमुना में अतिरिक्त जल आ सकेगा और मथुरा वृंदावन तक यमुना को प्रदूषण मुक्त किया जा सकेगा।
सुश्री भारती ने बताया कि यमुना कार्य योजना के तीसरे चरण पर लगभग 8 अरब रूपये खर्च होंगे। इसका 85 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार वहन करेगी जबकि बाकी का 15 प्रतिशत दिल्ली सरकार वहन करेगी। योजना का विवरण देते हुए उन्होंने बताया कि ओखला, कोंडली और रिठाला में मौजूद 814 एमएलडी की क्षमता वाले मल शोधन संयंत्रों का आधुनिकीकरण किया जाएगा। ओखला में 136 एमएलडी क्षमता वाला एक अतिरिक्त मल शोधन संयंत्र लगाया जाएगा। इसके अलावा आनंद विहार, झिलमिल कॉलोनी, अशोक विहार और जहांगीर पुरी जैसे क्षेत्रों में सीवर लाइनों की भी मरम्मत की जाएगी।
सुश्री भारती ने कहा कि छठ घाट का भी बड़े पैमाने पर पुनर्रूद्धार किया जाएगा। श्रद्धालुओं के लिए वस्त्र बदलने के कक्ष और प्रसाधन की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। मंत्री महोदया ने कहा कि उनका मंत्रालय और दिल्ली सरकार मिलकर वजीराबाद से ओखला तक यमुना तटों के सौंदर्यकरण पर काम करेंगे और शीघ्र ही दिल्लीवासी यमुना के किनारे पैदल घूमते हुए नदी के सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे।
मंत्री महोदया ने इस अवसर पर यमुना की सतह पर कचरा उठाने वाली स्वचालित नौका (ट्रैश स्कीमर) का भी उद्घाटन किया। साढ़े चार करोड़ रूपये लागत की यह नौका प्रतिदिन 10 टन कचरा उठा सकती है।
इस अवसर पर दिल्ली सरकार के पर्यटन, कला और संस्कृति एवं जल मंत्री श्री कपिल मिश्रा ने कहा कि उनकी सरकार केंद्रीय जल संसाधन मंत्रालय के साथ मिलकर तीन वर्षों के अंदर दिल्ली में यमुना का स्वरूप बदल देगी।