लखनऊ: महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारण्टी योजना के तहत जलशक्ति अभियान चलाकर वर्षा जल संचयन तथा संरक्षण के लिए सघन प्रयास किए जा रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2019-20 में लगभग 15000 तालाबों का निर्माण कराया जायेगा। इसके अलावा 11 नदियों का पुनरूद्धार कराया जायेगा।
यह जानकारी प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास श्री अनुराग श्रीवास्तव ने दी। उन्होंने बताया कि जिन नदियों को संरक्षित करने के लिए कार्रवाई की जायेगी, उनमें टेढ़ी नदी, मनोरमा नदी, पाण्डु, वरूणा, ससुर खदेड़ी, सई नदी, गोमती, अरिल, मोरमा, मंदाकिनी तथा तमसा नदी शामिल है। इन नदियों के किनारे 25.58 लाख पौधों का रोपण कराया जायेगा। इसके अलावा आसपास के 1100 तालाबों का जीर्णोद्धार भी कराया जायेगा।
प्रमुख सचिव ने यह भी बताया कि प्रदेश में हरियाली तथा पर्यावरण संरक्षण के लिए मनरेगा के तहत मौजूदा वित्तीय वर्ष के लिए 14.82 करोड़ पौधों के रोपण की कार्य योजना बनायी गयी है। वर्षा जल संचयन तथा संरक्षण के लिए पुराने तालाबों, कुओं एवं अन्य प्राकृतिक जल स्रोतों की पुनः खुदाई एवं सफाई करायी जा रही है। वर्षा जल संचयन के लिए लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है।