नई दिल्ली: प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी 16 दिसंबर, 2018 को प्रयागराज (इलाहाबाद) में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत 199.65 करोड़ रुपये वाली दो सीवर अवसरंचना परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। वे झूसी में एक कार्यक्रम के दौरान 1671.59 करोड़ रुपये की दो परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे। इन परियोजनाओं से गंगा में प्रतिदिन 7.8 करोड़ लीटर सीवर का अशोधित गंदा पानी गिरने से रुकेगा जिन परियोजनाओं का शिलान्यास किया जाना है। उनके पूरे हो जाने पर गंगा में प्रतिदिन 7.2 करोड़ लीटर सीवर का अशोधित गंदा पानी गिरने से रुकेगा।
सीवर प्रणाली की जिन परियोजनाओं का उद्घाटन किया जाना है, उनमें से एक परियोजना जिला “सी” और अल्लाहपुर में है। इनकी स्वीकृत लागत 46.87 करोड़ रुपये है और सीवर नेटवर्क की लंबाई 134.19 किलोमीटर है। अन्य सीवर नेटवर्क परियोजना प्रयागराज के जिला “ई” (भाग-2) है, जिसकी स्वीकृत लागत 52.78 करोड़ रुपये और सीवर नेटवर्क की लंबाई 52.66 किलोमीटर है।
प्रधानमंत्री शहर में दो परियोजनाओं का शिलान्यास भी करेंगे। इनमें से एक परियोजना गंदे पानी को रोकने और उसके प्रवाह को बदलने के संबंध में है। इसके लिए नैनी, फाफामऊ और झूसी क्षेत्र में सीवर उपचार संयंत्र भी बनाए जाएंगे। इसकी स्वीकृत लागत 767.59 करोड़ रुपये और सीवर नेटवर्क की लंबाई 16.41 किलोमीटर है। इस परियोजना में 72 एमएलडी क्षमता वाले तीन सीवर उपचार संयंत्र शामिल हैं, जिनमें से 42 एमएलडी का संयंत्र नैनी में, 14 एमएलडी का संयंत्र फाफामऊ में और तीसरा 16 एमएलडी का संयंत्र झूसी में बनाया जाएगा। इस परियोजना में 7 सीवर पम्पिंग स्टेशन भी बनाए जाएंगे। इसका ठेका ‘चलाओ और रखरखाव करो’ के आधार पर 15 वर्षों के लिए दिया जाएगा।
शिलान्यास की जाने वाली दूसरी परियोजना मौजूदा सीवर उपचार ढांचे को दुरुस्त करने और ‘चलाओ और रखरखाव करो’ के संबंध में है। इसकी स्वीकृत लागत 904 करोड़ रुपये है। इस परियोजना के तहत नैनी में मौजूद 80 एमएलडी सीवर उपचार संयंत्र को दुरुस्त करना तथा ‘चलाओ और रखरखाव करो’ वाले नैनी, नुमायादही, राजापुर, कोडरा, पनघाट और सलोरियांड में मौजूदा 254 एमएलडी क्षमता के छह सीवर उपचार संयंत्र शामिल हैं। प्रत्येक स्थान पर दस-दस सीवर पम्पिंग स्टेशन मौजूद हैं।
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन ने प्रयागराज में निम्नलिखित काम हाथ में लिए हैं –
कुंभ 2019
- शौचालय – 27,500 शौचालयों और 20,000 मूत्रालयों के लिए 113 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता।
- ठोस कचरा प्रबंधन – 16,000 कूड़ेदानों और अस्तर वाले बैगों के लिए 3.6 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता।
- आईईसी गतिविधियां – आईईसी गतिविधियों के लिए 16.68 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता।
- नालियों का जैवोपचारण – कुंभ के मद्देनज़र छह महीनों के लिए 53 नालियों के जैवोपचारण के संबंध में परियोजनाओं को स्वीकृति।
घाट और शवदाहगृह
88.03 करोड़ रुपये की लागत से छह घाटों और तीन शवदाहगृहों के निर्माण के लिए परियोजनाओँ को स्वीकृति। इसका काम प्रगति पर है और मार्च 2019 तक पूरा हो जाने की संभावना है।
नदी की तलहटी और घाटों की सफाई
नदी पर बहने वाली गंदगी को जमा करने के लिए प्रणाली शुरू कर दी गई है। इसके अतिरिक्त 21 घाटों की निरंतर सफाई के लिए 3.3 करोड़ रुपये की लागत वाली एक परियोजना को मंजूरी दी गई। यह परियोजना संविदा प्रक्रिया में है।