नई दिल्ली: “वर्ष 2022 तक सभी के लिए आवास” के उद्देश्य की प्राप्ति के लिए, प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2022 तक सभी मूलभूत सुविधाओं के साथ 2.95 करोड़ मकानों के निर्माण के लक्ष्य के साथ, 20 नवंबर, 2016 को प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) नामक पुनर्गठित ग्रामीण आवास योजना की शुरुआत की थी।
तीन चरणों वाले सत्यापनों (सामाजिक आर्थिक जातिगत जनगणना 2011, ग्राम सभा और जिओ-टैगिंग) के माध्यम से, पीएमएवाई-जी के अंतर्गत लाभार्थियों के चयन के लिए निर्धनतम लोगों का चयन करना सुनिश्चित किया गया। विभाग द्वारा आईटी/ डीबीटी सहित विभिन्न उपायों को अपनाया गया, जिससे लाभार्थियों के खाते में धन का प्रवाह आसानी के साथ सुनिश्चित किया जा सके, स्थानीय क्षेत्र के विभिन्न प्रकार का अध्ययन करने के बाद घरों के लिए नए डिजाइनों का उपयोग, तस्वीरों के माध्यम से साक्ष्य आधारित निगरानी, लेन-देन आधारित एमआईएस, निधि की पर्याप्त व्यवस्था, ग्रामीण राजमिस्त्री का प्रशिक्षण आदि विभिन्न उपाय किए गए हैं।
इन सभी उपायों के माध्यम से, मकानों के निर्माण की गति में वृद्धि सुनिश्चित की गई है, जिसके परिणामस्वरूप 1.10 करोड़ मकानों के निर्माण का काम पूरा कर लिया गया है, जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के अंतर्गत, 1.46 लाख भूमिहीन लाभार्थियों के आवास भी शामिल हैं। कार्य क्षमता में बढ़ोत्तरी, जो कि एनआईपीएफपी के अध्ययन में भी स्पष्ट रूप से दिख रही है, जिसमें प्रधानमंत्री आवास योजना- ग्रामीण (पीएमएवाई-जी) के अंतर्गत, आवास निर्माण कार्य पूरा होने की औसत अवधि को 114 दिन बताया गया है जबकि यह पहले 314 दिन था। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा, इंदिरा आवास योजना के अंतर्गत लगभग 72 लाख घरों के निर्माण का काम पूरा कर लिया गया है, अब तक 2014 से कुल 182 लाख घरों का निर्माण कार्य पूरा किया गया है।
पीएमएवाई-जी, अपने विभिन्न सरकारी कार्यक्रमों के साथ तालमेल करने के साथ, परिवारों के लिए बुनियादी आवश्यकताओं को भी पूरा करता है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के अंतर्गत, गरीबों को न केवल घर मिल रहा है बल्कि 90-95 दिन तक का काम भी मिल रहा है। उनके मकानों को, विद्युत मंत्रालय के मौजूदा योजना के अंतर्गत बिजली कनेक्शन और प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत गैस कनेक्शन के अलावा स्वच्छ भारत मिशन/ मनरेगा के अंतर्गत घरों में शौचालय और जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल कनेक्शन भी प्रदान किया जा रहा है। दीनदयाल अंत्योदय योजना- राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत, 1.82 करोड़ ग्रामीण परिवारों के लिए उनकी आजीविका का विकास करने और उनके लिए अनेक प्रकार के अवसरों का निर्माण करने के लिए भी प्रयास किए जा रहे हैं।
राज्यों के साथ मिलकर काम करने के साथ, ग्रामीण विकास मंत्रालय को यह विश्वास है कि मकानों के निर्माण को पूरा करने के विभिन्न चरणों में और मकानों के निर्माण को पूरा करने की गति में बढ़ोत्तरी के साथ, वह पीएमएवाई-जी के अंतर्गत 2.95 करोड़ घरों के निर्माण के लक्ष्य को मार्च, 2022 तक प्राप्त करने में सक्षम होगा।