लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी तथा केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री श्री गजेन्द्र सिंह शेखावत जी ने आज यहां मुख्यमंत्री आवास पर जल जीवन मिशन के तहत ‘हर घर जल योजना’, नमामि गंगे परियोजना तथा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के तहत क्रियान्वित की जा रही विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ‘हर घर जल योजना’ के तहत सभी कार्य शीघ्रता से पूर्ण किए जाएं और लोगों को कनेक्शन देने की कार्यवाही की जाए। उन्होंने नमामि गंगे परियोजना तथा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा क्रियान्वित की जा रही विभिन्न परियोजनाओं के निर्धारित लक्ष्यों को समयबद्धता व गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा करने के भी निर्देश दिए।
केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री जी ने हर घर जल योजना, नमामि गंगे परियोजना तथा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा संचालित की जा रही विभिन्न सिंचाई परियोजनाओं को तेजी से पूरा करने के लिए कहा। उन्होंने केन्द्रीय तथा राज्य सरकार के अधिकारियों को आपसी समन्वय स्थापित करते हुए कार्य करने के निर्देश दिए। साथ ही, विभिन्न परियोजनाओं में आने वाली अड़चनों को आपसी तालमेल से जल्दी दूर करने के लिए कहा, ताकि सम्बन्धित योजनाएं शीघ्रता से पूर्ण की जा सकें और इनका लाभ जनता को मिल सके।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री जी तथा केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री जी के समक्ष प्रमुख सचिव नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति श्री अनुराग श्रीवास्तव ने ‘हर घर जल योजना’ के सम्बन्ध में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि 38,000 नए ग्रामों की डी0पी0आर0 बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है, जिसे शीघ्रता से पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड एवं विन्ध्य क्षेत्रों के कार्य तेजी से पूर्ण कराए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जल निगम द्वारा रेट्रो फिटिंग, निर्माणाधीन पेयजल योजनाओं को भी तेजी से पूरा किया जा रहा है। उन्होंने ‘हर घर जल योजना’ के तहत प्रदेश की कार्ययोजना के विषय में विस्तृत जानकारी दी।
मुख्यमंत्री जी तथा केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री जी को नवीन कार्य प्रारम्भ करने के विभिन्न चरणों के विषय में भी अवगत कराया गया। इन कार्यों में डिस्ट्रिक्ट वाॅटर एण्ड सैनिटेशन मिशन (डी0डब्ल्यू0एस0एम0) द्वारा ग्रामों की सूची, इम्पैनल्ड वेण्डर्स को उपलब्ध कराना, भूमि की व्यवस्था, वेण्डर सर्वे इत्यादि शामिल थे।
नमामि गंगे परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश में कराए जा रहे विभिन्न कार्यों की प्रगति के सम्बन्ध में भी मुख्यमंत्री जी तथा केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री जी को विस्तार से जानकारी दी गई। उन्हें अवगत कराया गया कि नमामि गंगे परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश में कुल 46 परियोजनाएं संचालित की जा रही हैं, जिनमें से 21 पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि 19 परियोजनाओं का कार्य प्रगति पर है। 05 परियोजनाओं में टेण्डरिंग का कार्य चल रहा है, जबकि 01 परियोजना का नवीन अनुमोदन हुआ है।
मुख्यमंत्री जी तथा केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री जी के समक्ष सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग द्वारा पूर्ण करायी गई तथा वर्तमान में गतिशील सिंचाई परियोजनाओं के सम्बन्ध में अपर मुख्य सचिव सिंचाई श्री टी0 वेंकटेश ने प्रस्तुतीकरण किया। उन्होंने अवगत कराया कि विगत 04 वर्षों में कुल 13 परियोजनाएं पूरी करायी गई हैं, जिनमें बाणसागर नहर परियोजना, पहाड़ी बांध परियोजना, जमरार बांध परियोजना, पहूंज बांध पुनरुद्धार परियोजना, गुण्टा बांध रेस्टोरेशन/रिनोवेशन आॅफ एलाइड वर्क परियोजना, पं0 दीनदयाल उपाध्याय पथरई बांध परियोजना, लहचूरा बांध परियोजना, मौदहा बांध नहर प्रणाली की क्षमता की पुनस्र्थापना, जाखलौन पम्प नहर पर 3.42 मेगावाॅट क्षमता के सोलर पावर प्लाण्ट की स्थापना की परियोजना, बण्डई बांध परियोजना, रसिन बांध परियोजना, जाखलौन नहर प्रणाली क्षमता पुनस्र्थापना तथा जाखलौन पम्प कैनाल टाॅप पर 2.50 मेगावाॅट क्षमता की सोलर पावर प्लाण्ट की स्थापना शामिल है।
इसके अलावा, 12 परियोजनाएं वर्ष 2020-21 में पूर्ण हुई हैं। इनमें सरयू नहर राष्ट्रीय परियोजना, अर्जुन सहायक नहर परियोजना, उ0प्र0 वाॅटर रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना (फेज-2), उमरहठ पम्प नहर परियोजना (द्वितीय चरण), रतौली वीयर परियोजना, भावनी बांध परियोजना, लखेरी बांध परियोजना, बबीना ब्लाॅक के 15 ग्रामों को सिंचाई सुविधा, मसगांव एवं चिल्ली स्प्रिंकलर सिंचाई परियोजना, शहजाद बांध स्प्रिंकलर सिंचाई परियोजना, कुलपहाड़ स्प्रिंकलर सिंचाई परियोजना तथा बडवार झील को गुरूसरांय नहर से भरने हेतु फीडर कैनाल निर्माण सम्मिलित हैं। आगामी वर्षों में पूर्ण होने वाली अन्य परियोजनाओं के विषय में भी बैठक में अवगत कराया गया।
इस अवसर पर जल शक्ति मंत्री डाॅ0 महेन्द्र सिंह, मुख्य सचिव श्री आर0के0 तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री आलोक सिन्हा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री एवं सूचना श्री संजय प्रसाद सहित केन्द्र व राज्य सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।