नई दिल्लीः राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (एनएमसीजी) के महानिदेशक श्री राजीव रंजन मिश्रा ने उत्तर प्रदेश में नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत विभिन्न परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की।
एनएमसीजी के महानिदेशक ने उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव से गंगा संरक्षण के उद्देश्य से गठित की जाने वाली 26 जिला गंगा समितियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया।
नमामि गंगे कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश में क्रियान्वित की जा रही समस्त 30 सीवरेज परियोजनाओं की समीक्षा करने के दौरान एनएमसीजी ने उत्तर प्रदेश सरकार से फिलहाल जारी 8-10 परियोजनाओं को दिसम्बर 2018 तक पूरा करने और शेष स्वीकृत परियोजनाओं पर जल्द से जल्द काम शुरू करने का अनुरोध किया। इसके अलावा, उत्तर प्रदेश प्रशासन से मार्च 2019 तक 87 घाटों का मरम्मत/पुनर्वास/निर्माण कार्य पूरा करने को भी कहा गया।
बैठक के दौरान इलाहाबाद में महाकुंभ मेला 2019 के लिए तैयारियों पर भी विस्तृत चर्चा हुई। एनएमसीजी ने महाकुंभ मेला शुरू होने से काफी समय पहले ही परियोजनाओं को क्रियान्वित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार से जैविक उपचार के जरिए इलाहाबाद के उन सभी 35 नालों की सफाई की प्रक्रिया में तेजी लाने को कहा जिनका जुड़ाव गंगा नदी से है।
एनएमसीजी ने उत्तर प्रदेश सरकार से गंगा की सहायक नदियों पर ध्यान केंद्रित करने और मेरठ, मुरादाबाद, सहारनपुर, लखनऊ और जौनपुर के लिए प्रस्ताव भेजने को कहा, ताकि सहायक नदियों जैसे कि हिंडन, राम गंगा, काली, गोमती इत्यादि की सफाई के कार्य जल्द से जल्द शुरू हो सकें।
एनएमसीजी ने नालों के जरिए गंगा नदी में गिरने वाले ठोस कचरे के महत्वपूर्ण मसले को भी उत्तर प्रदेश सरकार के समक्ष उठाया। उत्तर प्रदेश सरकार से अनुरोध किया गया कि वह गंगा नदी के आसपास स्थित शहरी स्थानीय निकायों को एक कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दे, ताकि नदी में गिरने वाले ठोस कचरे के दोहन के लिए उन नालों में पर्याप्त व्यवस्था की जा सके जो नदी के संगम से कम से कम एक किलोमीटर तक फैले हुए हैं।
नमामि गंगे कार्यक्रम के तत्वावधान में शुरू की गई समग्र पारिस्थितिक कार्यबल बटालियन (गंगा कार्यबल) की परियोजना पर भी बैठक के दौरान विचार-विमर्श किया गया। गंगा संरक्षण से जुड़े प्रयासों में मदद के लिए तीन महत्वपूर्ण शहरों यथा इलाहबाद, वाराणसी और कानपुर में एक गंगा कार्यबल को तैनात किया जाएगा। प्रशासन के साथ उन्मुखीकरण बैठकें आयोजित की जा रही हैं। प्रधान सचिव, पर्यावरण एवं वन, सुश्री रेणुका कुमार ने उत्तर प्रदेश में जारी ‘गंगा हरीतिमा अभियान’ नामक व्यापक हरित अभियान के बारे में विस्तार से बताते हुए एनएमसीजी को आश्वासन दिया कि पर्यावरण विभाग और उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा गंगा कार्यबल को आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा। उन्होंने अधिकतम सार्वजनिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए गंगा कार्यबल और गंगा नदी से जुड़े स्व-प्रेरित स्वयंसेवको के एक समूह ‘गंगा प्रहरियों’ को कुछ आम प्रशिक्षण एवं उन्मुखीकरण मुहैया कराने का सुझाव भी इस बैठक में दिया।
एनएमसीजी के कार्यकारी निदेशक (परियोजना) श्री हितेश कुमार एस.मकवाना, उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री राजीव कुमार और उत्तर प्रदेश के प्रधान सचिव (शहरी विकास) श्री मनोज कुमार सिंह के अलावा उत्तर प्रदेश की प्रधान सचिव (पर्यावरण एवं वन) सुश्री रेणुका कुमार भी इस बैठक में उपस्थित थीं।