लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव से आज उत्तर प्रदेश व्यापारी समन्वय समिति (पंजी0) के अध्यक्ष श्री पवन मनोचा के नेतृत्व में व्यापारी प्रतिनिधिमण्डल ने भेंट की और उन्होंने समाजवादी पार्टी फण्ड में पांच लाख का चेक प्रदान किया। प्रतिनिधिमण्डल में लखनऊ, कानपुर तथा नोएडा के साइकिल मर्चेन्ट, सीमेंट, सर्राफा, इलेक्ट्रानिक्स, स्टेशनरी, लोहाव्यापार, पान व्यापारी संगठनों के पदाधिकारी शामिल थे। इस मौके पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष श्री संजय सेठ राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी एवं प्रदेश अध्यक्ष श्री नरेश उत्तम पटेल भी उपस्थित थे।
श्री अखिलेश यादव ने व्यापारी प्रतिनिधिमण्डल से वार्ता करते हुए कहा कि व्यापारियों को भाजपा से जो दिक्कते हैं, उन पर समाजवादी पार्टी ध्यान देगी। समाजवादी पार्टी विकास की बात करती है जबकि भाजपा जाति-धर्म की आड़ में राजनीति करती है। उन्होंने कहा विकास से व्यापारी वर्ग भी लाभान्वित होता है। प्रगति की यही गति है तो कानपुर में मैट्रो सपना न हो जाये। सड़कों से भी विकास की रफ्तार बढ़ती है। इस ओर समाजवादी सरकार ने काम किया था।
श्री यादव ने कहा कि समाजवादी सरकार में इलेक्ट्रानिक पालिसी के तहत मोबाइल हब की योजना रही। लखनऊ में एच.सी.एल. को लाये थे। आज भाजपा राज में कानपुर में मेट्रो रेल पर 2016 से अभी तक मात्र 2 प्रतिशत काम हुआ है। 13000 करोड़ की जगह इसकी लागत 18000 करोड़ रूपए हो गई है। उन्होंने कहा कि सोलर और साइकिल पर जीएसटी सबसे कम होना चाहिए।
व्यापारी प्रतिनिधियों ने भरोसा दिलाया कि सन् 2019 और 2022 में होने वाले, चुनावों में व्यापारी समाजवादी पार्टी को पूरा समर्थन देंगे। समाजवादी सरकार में ही व्यापारी इंस्पेक्टर राज और दूसरे बाध्यकारी कानूनों से बचे थे।
व्यापारी प्रतिनिधिमण्डल में उ0प्र0 व्यापारी समन्वय समिति के अध्यक्ष श्री पवन मनोचा के साथ सर्व श्री अभिमन्यु गुप्ता, राजेन्द्र अग्रवाल, भारत भूषण गुप्ता, राजकुमार बत्रा, सुरेश तेजवानी, नवीन अरोड़ा, जितेन्द्र सिंह चैहान, देवेन्द्र गुप्ता, राहुल बाधवा, उमेश शर्मा, विनोद अग्रवाल, मनीष अरोड़ा, शौकत अली, सत्यम मेहरा, नीरज जौहर, अनिल विरमानी, मुकेश सिन्हा, विक्की गुलाटी, राकेश छाबड़ा, इंद्रजीत सिंह, मनीष वर्मा, विनोद माहेश्वरी, संजय बिस्वारी, हरप्रीत सिंह, जितेन्द्र सन्धु, सतीश अग्रवाल, विशाल अग्रवाल, बलराम मौर्या, अभिषेक निगम, श्याम मूर्ति गुप्ता, दीपक सिंघल तथा दिनेश चैधरी शामिल थे।