लखनऊः प्रदेश के किसानों के कृषि आमदनी को तेजी से वृद्धि करने एवं जैविक खेती को प्रोत्साहित करने की दिशा में उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना के अन्तर्गत अब तक 109659 महिला किसानों को 22 जनपदों के 25 विकास खण्डों में सतत् कृषि पद्धतियों एवं गुणात्मक पशुपालन पर प्रशिक्षण दिया गया है। कृषि आजीविका के अंतर्गत 75 जनपदों के 476 विकास खण्डों में 5.5 लाख महिला किसान परिवारों को कृषि आजीविका संवर्धन गतिविधि के तहत आच्छादित किया गया है। इन महिला किसान परिवारों को प्रेरणा पोषण वाटिका, गौ-आधारित खेती, कीट प्रबंधन, (जैविक खाद-नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र, अग्नास्त्र आदि), गोबर खाद, भू-नाडेप इत्यादि गतिविधियाँ के साथ-साथ ही पशु पालन, मुर्गी पालन, बकरी पालन इत्यादी आजीविका से जुड़ी गतिविधियां संचालित करायी जा रही हैं।
ग्राम्य विकास विभाग द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार प्रदेश के 39 जनपदों में 2025 उत्पादक समूहों का गठन ग्राम स्तर पर संग्रहण केन्द्र स्थापित किये जाने हेतु तक करा लिया गया है, इन उत्पादक समूहों अंतर्गत 32560 महिला किसान प्रोड्यूसर द्वारा ग्राम स्तर पर अधिशेष उत्पादन का संग्रहण, सॉर्टिंग, ग्रेडिंग, क्लीनिंग एवं पैकेजिंग का कार्य कराया जायेगा। अभी तक 530 उत्पादक समूहों को इस कार्य किये जाने हेतु भारत सरकार से इंफ्रास्ट्रक्चर सेटअप ग्रांट (1.5 लाख), एवं वर्किंग कैपिटल हेतु सी.एल.एफ से 0.5 लाख रुपये लोन के रूप में दिए गए है। इन उत्पादक समूहों का निर्माण विभिन्न कृषि आधारित गतिविधियों जैसे अनाज उत्पान, सब्जी उत्पादन, मत्स्य पालन, डेरी, पोल्ट्री, मशरुम, सरसों, मेंथा इत्यादी कमोडिटी पर किया गया है।