केंद्रीय आयुष और पत्तन, पोत परिवहन एवं जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि राष्ट्रीय आरोग्य मेले आयुष क्षेत्र में विविधता, नवाचार और स्वास्थ्य सेवा देने की भारतीय पारंपरिक चिकित्सा व्यवस्थाओं की समृद्ध विरासत को प्रदर्शित करते हैं। आयुष मंत्रालय के सहयोग से श्री पूरन चंद्र गुप्ता स्मारक ट्रस्ट की ओर से आयोजित राष्ट्रीय आरोग्य मेले का उद्घाटन करते उन्होंने ये बातें कहीं। श्री सोनोवाल ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय आरोग्य मेला महत्वपूर्ण है और आयुष क्षेत्र को आगे बढ़ाने में अपना योगदान देता है। भारतीय पारंपरिक चिकित्सा व्यवस्थाओं से लोगों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से ही ‘हर दिन हर घर आयुष’ अभियान की नींव डाली गई है।
श्री सोनोवाल ने बताया कि 12500 आयुष स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें से 9000 से अधिक स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों की स्थापना हो चुकी है। देश में आयुष मंत्रालय की स्थापना को अभी 9 साल से कुछ ही ज्यादा समय हुआ है और इस छोटी सी अवधि में मंत्रालय ने विशाल और विशेष तरह की सफलताएं हासिल की हैं।
अपने संबोधन में आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि आयुष एक वृक्ष की तरह है, जिसके नीचे कई चिकित्सा व्यवस्थाएं पनपती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत आयुष को देश के हर जिले तक पहुंचाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अनुसंधान के क्षेत्र में भी काफी प्रगति हुई है। आयुष अनुसंधान पोर्टल पर अब तक चालीस हजार से अधिक शोध प्रकाशित हो चुके हैं। सचिव ने इस बात पर विशेष प्रसन्नता जताई कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने गुजरात के जामनगर में ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन (जीसीटीएम) की स्थापना की है। यह किसी भी विकासशील देश में संयुक्त राष्ट्र की पहली आउटपोस्ट है।
नई दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में आयुष मंत्रालय के सहयोग से राष्ट्रीय आरोग्य मेला 1 से 4 फरवरी 2024 तक आयोजित किया जा रहा है। यह मेला आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी को शामिल करते हुए भारत की समृद्ध उपचार परंपराओं का एक स्फूर्त अभिसरण है। यह देश की विविध संस्कृति और स्वास्थ्य सेवा में ऐतिहासिक विरासत के जीवंत प्रमाण के रूप में काम करता है। समग्र कल्याण पर जोर देते हुए यह चिकित्सा की पारंपरिक व्यवस्था का उत्सव मनाने और उसे प्रदर्शित करने को लेकर एक मंच के रूप में आगे बढ़ता है।
आयुर्वेद, योग, प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी के लाभों व सिद्धांतों को प्रदर्शित करने, जागरूकता फैलाने और समग्र स्वास्थ्य एवं कल्याणकारी विधाओं को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने, चिकित्सकों, विशेषज्ञों और ऐसे ही लोगों के बीच सहयोग और ज्ञान साझा करने को बढ़ावा देने, आयुष सिद्धांत से संबंधित उत्पादों व सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए व्यवसाय और विक्रेताओं को जगह प्रदान करने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है।
इस आयोजन में कुछ प्रमुख आकर्षण के केंद्र ‘वेलनेस वर्कशॉप एवं सेमिनार, आयुर्वेद, योग, यूनानी, सिद्ध, प्राकृतिक चिकित्सा और होम्योपैथी प्रदर्शनियां, मुफ्त स्वास्थ्य परामर्श और सांस्कृतिक कार्यक्रम हैं।
कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री के साथ आयुष मंत्रालय के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, आयुष मंत्रालय के डीडीजी सत्यजीत पॉल और अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की निदेशक तनुजा नेसरी मौजूद रहीं।