केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज उन्नत भारत अभियान योजना (यूबीए) की प्रगति के बारे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की।
इस बैठक के दौरान श्री अमित खरे, सचिव, उच्च शिक्षा; डॉ. विजय भटकर, अध्यक्ष, राष्ट्रीय संचालन समिति, यूबीए; डॉ. आर चिदंबरम, अध्यक्ष, राष्ट्रीय विषय विशेषज्ञ समूह सलाहकार समिति, यूबीए; प्रोफेसर राम गोपाल राव, निदेशक, आईआईटी दिल्ली और प्रोफेसर वी. के. विजय, राष्ट्रीय समन्वयक, यूबीए उपस्थित रहे।
बैठक में प्रोफेसर वी. के. विजय ने इस योजना के तहत अब तक हुई प्रगति की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यूबीए के तहत, 14000 से अधिक गांवों के साथ 2600 से ज्यादा संस्थानों का एक नेटवर्क शामिल है। उन्होंने आगे कहा कि यूबीए के वेबपोर्टल पर 4650 ग्राम स्तरीय सर्वेक्षण और 4,75,702 घरेलू सर्वेक्षण का आंकड़ा उपलब्ध है।
शिक्षा मंत्री ने यूबीए के तहत हुई प्रगति के लिए आईआईटी दिल्ली की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत उच्च शिक्षा संस्थान समाज और गांवों से जुड़ रहे हैं, जो छात्रों और शिक्षकों को व्यावहारिक और पारंपरिक ज्ञान प्राप्त करने में मदद कर रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि इस योजना का उद्देश्य नई तकनीकी की पहचान करना, कार्यान्वयन की पद्धति विकसित करना और लोगों के भले के लिए तकनीकी को अनुकूल बनाने में सक्षम होना है।
श्री पोखरियाल ने सभी गांवों में मौजूद तीन से पांच प्रमुख मुद्दों और स्थानीय स्थितियों के आधार पर कुछ मुद्दों की पहचान करने और साझेदारी वाले संस्थानों से इन पर काम करने के लिए कहा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि गांवों को और अधिक लाभ देने के लिए इस योजना के तहत एचईआई (उच्च शिक्षण संस्थान) की संख्या को अधिकतम करने का प्रयास होना चाहिए। मंत्री ने जोर देकर कहा कि स्कूली शिक्षकों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति, 2020 के प्रति संवेदनशील बनाने में यूबीए माध्यम बनना चाहिए।
उन्होंने एक ऐसा पोर्टल बनाने की भी जरूरत बताई, जो विभिन्न संस्थानों के लिए आपसी बातचीत के मंच का काम करे, जहां पर वे सफलता की कहानियां डाल सकें और एक-दूसरे को प्रोत्साहित कर सकें।
श्री पोखरियाल ने राज्यवार अध्ययन करने और यूबीए के तहत साक्षरता, स्वास्थ्य व अन्य क्षेत्रों में सुधार जैसे मापदंडों को लेकर लक्ष्य तय करने का सुझाव दिया।
यूबीए के बारे में
उन्नत भारत अभियान, एक समावेशी भारत का ढांचा बनाने में मदद करने के लिए शिक्षण संस्थानों का लाभ लेकर ग्रामीण विकास प्रक्रियाओं में आमूल-चूल बदलाव लाने के दृष्टिकोण से प्रेरित है। उन्नत भारत अभियान का उद्देश्य विकास के सामने आने वाली चुनौतियों की पहचान करने और सतत विकास में तेजी लाने वाले उपयुक्त समाधान खोजने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों को ग्रामीण भारत के लोगों के साथ मिलकर काम करने के लिए सक्षम बनाना है।