केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आगरा के केंद्रीय हिंदी संस्थान के हैदराबाद क्षेत्रीय केंद्र के नवनिर्मित भवन का ऑनलाइन माध्यम से उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता तेलंगाना सरकार के श्रम, रोजगार, महिला एवं बाल विकास मंत्री, श्री सी. एच. मल्ला रेड्डी ने की। केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल, आगरा के उपाध्यक्ष अनिल शर्मा ‘जोशी’, सिकंदराबाद छावनी के विधायक, श्री जी सायन्ना, हैदराबाद, तेलंगाना के माननीय विधायक, श्री एन रामचंद्र राव, केंद्रीय हिंदी संस्थान मुख्यालय आगरा से प्रो. बीना शर्मा, केंद्रीय हिंदी संस्थान आगरा की निदेशक, प्रो. बीना शर्मा और केंद्रीय हिंदी संस्थान परिवार के सभी सदस्यों, देश भर के कई विद्वानों और छात्रों ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
अपने उद्घाटन भाषण में केंद्रीय हिंदी संस्थान, आगरा की निदेशक, प्रो. बीना शर्मा ने माननीय शिक्षा मंत्री, भारत सरकार डॉ. रमेश पोखरियाल ‘निशंक’, कार्यक्रम के अध्यक्ष श्री सी.एच. मल्लारेड्डी, श्रम, रोजगार, महिला एवं बाल विकास मंत्री, तेलंगाना सरकार, श्री जी. सायन्ना, माननीय विधायक, सिकंदराबाद छावनी; श्री एन. रामचंद्र राव, माननीय विधायक, हैदराबाद, तेलंगाना, श्री अनिल शर्मा ‘जोशी’, उपाध्यक्ष, केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल, आगरा का स्वागत किया।
श्री पोखरियाल ने कहा कि हम सभी गांधी के सपने को साकार कर रहे हैं जिसमें हमें देश की 22 भाषाएँ जो संविधान की 8वीं अनुसूची में सम्मिलित हैं, को और सशक्त बनाने का कार्य करना है और इन सबको जोड़ने का महत्वपूर्ण दायित्व हिंदी पर है। आवश्यकता इस बात की है कि हिंदी की सशक्तता के लिए इन 22 भाषाओं से शब्द लेकर उसका सामर्थ्य बढ़ाया जाए। संभवतः यही एक ऐसी भाषा है जिसकी 09 लाख से ज्यादा शब्द-संपदा है और यह शक्ति अवश्य ही देश की इन 22 भाषाओं से मिलती है।
श्री पोखरियाल ने कहा कि यह गर्व का विषय है कि हम सभी एक अच्छे उद्देश्य के लिए संकट के समय में एकत्रित हुए हैं। हम सभी एक ऐसे भवन के उद्घाटन के लिए एकत्रित हुए हैं जो हिंदी सिखाने के लिए लगातार प्रयासरत रहा है। तेलंगाना सरकार को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा कि उनके द्वारा संस्थान को जमीन उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति में, हम शिक्षा में मातृभाषा को लेकर आए हैं। भाषा शब्द नहीं है, बल्कि आत्मा है। भाषा में, परंपरा, संस्कृति, जीवन और मूल्य शामिल है।
उन्होंने कहा, आज हैदराबाद केंद्र के इस भवन का उद्घाटन पद्मभूषण श्री मोटूरि सत्यनारायण जी की धरती पर हुआ है, जो कि महात्मा गांधी के बहुत बड़े अनुयायी थे। महात्मा गांधी ने कहा था कि हमारी सभी भाषाएँ समान हैं और सभी भाषाओं को एक सूत्र में पिरोने वाली हिंदी को हमें सशक्त बनाना है।
श्री पोखरियाल ने इस बात पर प्रकाश डाला कि कई देशों में मातृभाषा में शिक्षा प्रदान की जाती है। जर्मनी, फ्रांस, जापान, इजराइल आदि देशों के उदाहरण हमारे सामने हैं। इन सभी देशों ने मातृभाषा में अध्ययन करके शोध और तकनीकी क्षेत्रों में बहुत प्रगति की है। हमें विदेशी भाषाओं को भी जानना चाहिए, लेकिन अपनी जड़ें नहीं छोड़नी चाहिए। हम भारतीय भाषा विश्वविद्यालय बनाने का प्रयास कर रहे हैं, जिससे विभिन्न क्षेत्रों के लोग विभिन्न राज्यों की भाषाएं सीख सकें। यह बहुत आवश्यक है कि उत्तर के लोग दक्षिण की भाषाएं सीखें और दक्षिण के लोग उत्तर की भाषाएं सीखें। यह देश तभी एकीकृत होगा जब हम एक-दूसरे की संस्कृति, परंपरा और खान-पान से परिचित होंगे।
उन्होंने राज्यों से मातृभाषा में शिक्षा की व्यवस्था लागू करने की अपील की। नई शिक्षा नीति भारतीय भाषाओं के विकास में आधारशीला के रूप में कार्य करेगी। इस संबंध में केंद्रीय हिंदी संस्थान की बहुत बड़ी भूमिका हो सकती है। संस्थान की स्थापना जिन उद्देश्यों के लिए की गई है, उन्हें उन उद्देश्यों को पूरा किया जाना चाहिए। लगभग 14 हजार छात्रों/शिक्षकोंने हैदराबाद केंद्र से प्रशिक्षण प्राप्त किया है। वे सभी हिंदी के राजदूत हैं। मेरा मानना यह है कि निकट भविष्य में केंद्रीय हिंदी संस्थान के माध्यम से लोगों को दिशा मिलेगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री सी.एच. मल्ला रेड्डी, श्रम, रोजगार महिला एवं बाल विकास मंत्री, तेलंगाना सरकार ने की। अपने अध्यक्षीय संबोधन में श्री रेड्डी ने कहा कि केंद्रीय हिंदी संस्थान के हैदराबाद केंद्र के शिलान्यास के अवसर पर भी मैं उपस्थित था। भूमिपूजन के अवसर पर माननीय मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री, श्री सतपाल सिंह जी भी उपस्थित थे। आज इस भवन के उद्घाटन के अवसर पर भी मैं उपस्थित हूँ, यह मेरे लिए खुशी का विषय है। मैं तेलंगाना सरकार से अनुरोध करता हूँ कि संस्थान को और भूमि उपलब्ध कराई जाए, जिससे हिंदी प्रेमियों को भविष्य में बहुत अधिक सुविधा होगी।
धन्यवाद ज्ञापन देते हुए केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल, आगरा के उपाध्यक्ष, श्री अनिल कुमार शर्मा ‘जोशी’ ने कहा कि आज सभी ने एक ऐतिहासिक भाषण सुना। आज एक ऐतिहासिक क्षण है। जब इस देश में भाषा को केंद्र में रख नई शिक्षा नीति देने वाले हमारे यशस्वी माननीय शिक्षा मंत्री के कर कमलों से केंद्रीय हिंदी संस्थान के संस्थापक की जन्मभूमि तेलुगु प्रदेश में नए भवन का उद्घाटन हुआ है। यह केवल एक भवन का उद्घाटन नहीं है बल्कि यह इस शिक्षा नीति में प्रस्तावित हिंदी और भारतीय भाषाओं के उत्थान के प्रयासों का महत्वपूर्ण पड़ाव है। संस्थान के संस्थापक, स्वर्गीय मोटूरि सत्यनारायण के भारतीय भाषाओं में संवाद, सद्भावना और समन्वय के प्रयासों का भवन के रूप में प्रकटीकरण है।
श्री अनिल ने शिक्षा मंत्री के प्रति आभार व्यक्त किया जिन्होंने एक ऐसी शिक्षा नीति प्रदान किया है जो इस देश के करोड़ों युवाओं के भविष्य को अपने लक्ष्य तक पहुंचाने के लिए आगे लेकर जाएगी। केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल के अध्यक्ष के रूप में शिक्षा मंत्री के मन-विचार में हिंदी और भारतीय भाषाओं के सैकड़ों सपने हैं। उनका सक्रिय मार्गदर्शन केंद्रीय हिंदी संस्थान की सबसे बड़ी ताकत है। कवि, लेखक, साहित्यकार होने के नाते वे हिंदी और भारतीय भाषाओं के सामने आने वाली चुनौतियों से अच्छी तरह से परिचित हैं। केंद्रीय हिंदी संस्थान की कोशिश है कि वर्तमान सत्र में हिंदी शिक्षण-प्रशिक्षण के लिए ऑनलाइन कोर्स तैयार किए जाएं। संस्थान का यह प्रयास निश्चित रूप से हिंदी के विश्वव्यापी प्रसार के लिए फायदेमंद साबित होगा।
मुख्यालय आगरा में तकनीकी समन्वय न श्री अनुपम श्रीवास्तव ने किया और कार्यक्रम का संचालन डॉ ज्योत्सना रघुवंशी ने किया। इस अवसर पर हैदराबाद केंद्र का एक मल्टीमीडिया संदर्शन प्रस्तुत किया गया जिसमें हैदराबाद केंद्र के नवनिर्मित भवन की विशेषताओं से परिचित कराया गया। क्षेत्रीय केंद्र हैदराबाद ने 1976 से अभी तक किराए के भवन से अपनी गतिविधियों को संपन्न किया है। तेलंगाना सरकार से प्राप्त भूखंड पर भूतल सहित चार मंजिला भवन का निर्माण 1,000 वर्ग गज में लगभग 5.67 करोड़ रुपए की लागत से केंद्रीय लोक निर्माण विभाग, हैदराबाद के माध्यम से किया गया है।