केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल निशंक ’ ने नई शिक्षा नीति – 2020 के कार्यान्वयन की समीक्षा के लिए मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक की।
श्री पोखरियाल ने नीति के बाधा रहित कार्यान्वयन के समन्वय के लिए सभी संबंधित मंत्रालयों में नोडल व्यक्तियों की नियुक्ति का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में इस के कार्यान्वयन के लिए चिन्हित सभी 181 कार्यों के लिए, प्रत्येक कार्य का नेतृत्व स्वयं टीम लीडर को करना चाहिए।
उन्होंने बताया कि सरकार खुले विश्वविद्यालयों की अवधारणा से अलग जल्द ही आभासी विश्वविद्यालयों की स्थापना के लिए आवश्यक कदम उठाएगी। इससे उच्च शिक्षा में वांछित जीईआर प्राप्त करने में मदद मिलेगी जिसकी नई नीति में परिकल्पना की गई है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी मंच (एनईटीएफ) को यूजीसी/ एआईसीटीई में वरीयता दी जानी चाहिए और इस पर तुरंत काम शुरू करना चाहिए। केन्द्रीय मंत्री ने मातृभाषाओं में उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग तकनीक का उपयोग करने का आह्वान किया।
श्री पोखरियाल ने कहा कि स्टडी इन इंडिया कार्यक्रम की ब्रांडिंग व्यापक स्तर पर की जानी चाहिए। उन्होंने स्टेइन इंडिया कार्यक्रम के लिए गठित समिति को मिशन मोड में काम करने और 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने को कहा। उन्होंने कहा कि समिति को चाहिए कि वह इस बात का पता लगाए कि आखिर भारतीय छात्र पढ़ाई के लिए विदेश क्यों चले जाते है।