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केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने 16 वें फिक्की उच्च शिक्षा शिखर सम्मेलन- 2021 में उद्घाटन भाषण दिया

देश-विदेश

केंद्रीय शिक्षा मंत्री श्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने आज 16वें फिक्की उच्च शिक्षा शिखर सम्मेलन- 2021 में उद्घाटन भाषण दिया। फिक्की उच्च शिक्षा शिखर सम्मेलन के 16वें संस्करण का आयोजन शिक्षा मंत्रालय और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के सहयोग से भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के द्वारा वर्चुअल माध्यम के जरिए आयोजित किया जा रहा है। इस शिखर सम्मेलन की विषय-वस्तु ‘उच्च शिक्षा @ 2030: आरआईएसई- रिजिलीअन्स, इनोवेशन, सस्टैनबिलिटी, एंटरप्राइज’ है।

श्री पोखरियाल ने इस अवसर पर कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 21वीं सदी की जरूरतों के अनुकूल भारतीय शिक्षा परिदृश्य को परिवर्तित करने के लिए रास्ता दिखाता है। उन्होंने आगे कहा कि एक ओर जहां सरकार ने इस नीति को तैयार की है, वहीं इसे लागू करने में निजी क्षेत्र की भागीदारी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

श्री पोखरियाल ने आगे कहा, “पहुंच, समानता, गुणवत्ता, सामर्थ्य और जवाबदेही की नींव पर निर्मित एनईपी 2020 को सतत विकास के लिए निर्धारित 2030 एजेंडा के साथ जोड़ा गया है और इसका उद्देश्य भारत को एक जीवंत ज्ञान समाज एवं वैश्विक ज्ञान महाशक्ति में बदलना है।”

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने आगे इसका उल्लेख किया कि अगले 20-30 वर्षों में युवा भारत की ऊर्जा एवं प्रतिभा का उपयोग विश्व को आगे बढ़ाने में किया जाएगा, क्योंकि 21वीं सदी युवा भारत की है। उन्होंने कहा कि भारत लागत लाभ के कारण नहीं, बल्कि देश की समृद्ध एवं मेधावी मानव पूंजी के चलते विश्व की अनुसंधान एवं विकास (आरएंडडी) राजधानी बनने की ओर अग्रसर है।

फिक्की उच्च शिक्षा शिखर सम्मेलन की सराहना करते हुए श्री पोखरियाल ने कहा कि इन वर्षों में शिखर सम्मेलन एक विचार नेतृत्व मंच के रूप में विकसित हुआ है और राष्ट्रीय एवं अतंर्राष्ट्रीय, दोनों स्तरों पर विचार-विमर्श और ज्ञान साझा करने के लिए प्रमुख हितधारकों को एक साथ लाया है। इन हितधारकों में नीति-निर्माता, शिक्षाविद्, उद्योग और छात्र शामिल हैं।

इस उद्घाटन सत्र में फिक्की-ईवाई रिपोर्ट ‘भारत में उच्च शिक्षा : विजन 2040’ जारी की गई। मौजूदा संदर्भ में शिक्षा 4.0 को परिभाषित करते हुए रिपोर्ट ने उच्च शिक्षा क्षेत्र के भीतर उभरते महत्वपूर्ण रूझानों और सीखी गईं बातों के साथ वैश्विक सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों को रेखांकित किया है।

इस अवसर पर रासायनिक प्रौद्योगिकी संस्थान (आईसीटी) के चांसलर डॉ. आर ए माशलेकर, फिक्की उच्च शिक्षा समिति की अध्यक्ष डॉ. विद्या येरवडेकर, फिक्की के अध्यक्ष श्री उदय शंकर और फिक्की के महासचिव श्री दिलीप चिनॉय सहित अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने आभार व्यक्त किया।

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