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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने सभी एम्स के केंद्रीय संस्थान निकाय की 6वीं बैठक की अध्यक्षता की

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केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने आज ओडिशा के भुवनेश्वर में सभी नए एम्स के केंद्रीय संस्थान निकाय (सीआईबी) की 6वीं बैठक को संबोधित किया। इस दौरान उनके साथ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ भारती प्रवीण पवार, सांसद डॉ. अनिल जैन व श्री रमेश बिधूड़ी और नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वी.के. पॉल भी थे। इसके अलावा केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव श्री राजेश भूषण, स्वास्थ्य अनुसंधान विभाग के सचिव डॉ. राजीव बहल और स्वास्थ्य सेवा के महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल भी उपस्थित थे। सीआईबी वित्त, बुनियादी ढांचे, रिक्ति, भर्ती, नीतियों को लागू करने, चुनौतियों और खरीद के संबंध में सभी एम्स की सर्वोच्च निर्णयकारी निकाय है। आज की सीआईबी बैठक का उद्देश्य पिछली बैठकों में लिए गए निर्णयों के अनुपालन की समीक्षा करना था।

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स्वास्थ्य मंत्री ने पहली बार दिल्ली के बाहर आयोजित इस सीआईबी बैठक में सभी एम्स के प्रतिनिधियों, प्रतिष्ठित विशेषज्ञों और विशेष आमंत्रितों सहित सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया। डॉ. मांडविया ने कहा, “यह सीआईबी बैठक न केवल पहले के निर्णयों के अनुपालन की समीक्षा के लिए है, बल्कि सभी प्रतिभागियों के समृद्ध अनुभव और विशेषज्ञता के आधार पर अंतर्दृष्टि, नए विचारों, अभिनव विचारों और सुझावों को प्राप्त करने को लेकर एक चिंतन शिविर भी है।” उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी एम्स उच्च स्तरीय सेवा के प्रमुख राष्ट्रीय संस्थान हैं और उन्हें वैश्विक स्तर पर उत्कृष्ट संस्थान बनाने की सोच है। उन्होंने आगे इस पर जोर दिया कि यह केवल उच्चतर गुणवत्ता, नैदानिक देखभाल, चिकित्सा शिक्षा के उच्चतम मानकों और अत्याधुनिक अनुसंधान के साथ ही हो सकता है।

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उन्होंने चिंतनशील विचारों और मुद्दों को लेकर बृहद् सहयोगी ‘संवाद’ के लिए एक मंच प्रदान करने के संबंध में गणमान्य व्यक्तियों को “आईआईटी और आईआईएम जैसे राष्ट्रीय महत्व के अन्य संस्थानों से सीखने” के लिए प्रोत्साहित किया।

डॉ. मांडविया ने एआई के लिए मेटा डेटा के निर्माण और बेहतर परिणाम प्रदान करने वाली एक पेशेवर कार्य संस्कृति की जरूरत को रेखांकित किया। केंद्रीय मंत्री ने आगे सभी एम्स के निदेशकों को नई कार्यप्रणाली का निर्माण करने और अगली सीआईबी बैठक में इसे प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित किया। इसके अलावा उन्होंने सभी अधिकारियों से एम्स को विश्व के सर्वश्रेष्ठ अस्पतालों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाने की दिशा में मजबूती से काम करने का भी अनुरोध किया।

डॉ. मांडविया ने पिछली सीआईबी बैठकों की सिफारिशों के आधार पर सभी एम्स द्वारा किए गए कार्यों की सराहना की। उन्होंने गणमान्य व्यक्तियों से अनुरोध किया कि वे सुधार के चिन्हित क्षेत्रों पर सहयोगात्मक रूप से काम करें और उन पर विस्तृत रिपोर्ट तैयार करें। स्वास्थ्य मंत्री ने उन्हें आज की बैठक में चर्चा किए गए महत्वपूर्ण बिंदुओं पर और अधिक विचार-विमर्श करने का सुझाव भी दिया। उन्होंने कहा, “हमें सामूहिक रूप से भारत की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में एक नया मानदंड स्थापित करना है।”

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सीआईबी की बैठक की अध्यक्षता करने से पहले केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने रोगी सेवाओं का मूल्यांकन करने के लिए एम्स भुवनेश्वर के कामकाज की समीक्षा की और वहां लाभार्थियों से बातचीत भी की।

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डॉ. भारती प्रवीण पवार ने इस बात को रेखांकित किया कि सरकार का उद्देश्य एम्स के ब्रांड को और अधिक ऊंचाइयों पर ले जाना है। उन्होंने प्रतिनिधियों से वैश्विक स्तर पर सफल चिकित्सा संस्थानों की कार्यप्रणाली का अध्ययन करने और स्थानीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों को लागू करने के लिए कहा। इसके अलावा डॉ. पवार ने एबीएचए आईडी और अन्य सरकारी योजनाओं पर लोगों के बीच अधिक जागरूकता उत्पन्न करने का भी सुझाव दिया।

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इस बैठक में विभिन्न एजेंडे पर चर्चा की गई और पहले के चिंतन शिविर की सिफारिशों के अनुपालन और सभी नए एम्स की कामकाज पर विस्तृत विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान जिन एजेंडा पर चर्चा की गई, उनमें पीएमएसएसवाई के तहत नए एम्स का अवलोकन, टिकाऊ वित्तीय मॉडल, रोगी की संतुष्टि को बढ़ाना व इसमें सक्षम बनाने के लिए आईसीटी का उपयोग, प्रबंधन और शासन प्रतिमान व मानव संसाधन प्रबंधन, खरीद में अर्थव्यवस्थाओं का बड़े पैमाने की लाभ उठाना, दृष्टि 2030, परिणाम आधारित सहयोगी अनुसंधान, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग और 5वीं सीआईबी बैठक के बाकी एजेंडे का अनुपालन शामिल हैं।

वहीं, प्रतिभागियों ने इस विचारशील सत्र, जो एक सुव्यवस्थित और चिंतनपूर्ण तरीके से आयोजित किया गया, जहां वे स्वतंत्र रूप से अपने विचार व्यक्त कर सकते थे और सुझाव साझा कर सकते थे, में उन्हें आमंत्रित करने के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री का आभार व्यक्त किया। इसके अलावा उन्होंने एक विशाल शिक्षण अनुभव प्रदान करने के लिए डॉ. मांडविया की सराहना भी की।

पूरे दिन चलने वाली इस बैठक में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अपर सचिव श्री मनोहर अगनानी, गृह मंत्रालय के एएस व एफ जीओएल श्री जयदीप कुमार मिश्रा, देवगढ़ एम्स के अध्यक्ष डॉ. एन के अरोड़ा, अवंतिपुरा एम्स के अध्यक्ष डॉ. प्रमोद गर्ग, एम्स कल्याणी की अध्यक्ष डॉ. चित्रा सरकार, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलाधिसचिव और कुलपति प्रोफेसर विजय कुमार शुक्ला सहित स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, नीति आयोग, एम्स, निमहान्स और आईसीएमआर के वरिष्ठ अधिकारी व प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।

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