केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री मनसुख मंडाविया ने आज स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड के अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया।
मंत्री तत्काल प्रभाव से 2024 तक यह जिम्मेदारी संभालेंगे। वह 2022 तक, संयुक्त राष्ट्र द्वारा निर्धारित टीबी लक्ष्यों तक पहुंचने की दिशा में स्टॉप टीबी पार्टनरशिप सचिवालय, भागीदारों और टीबी समुदाय के प्रयासों का नेतृत्व करेंगे, जो 2023 तक टीबी के उन्मूलन की दिशा में किए जाने वाले प्रयासों के लिहाज से एक अहम पड़ाव है।
श्री मंडाविया ने इस अवसर पर कहा, “मेरे लिए स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड की अध्यक्षता करना और इस तरह 2030 तक दुनिया भर में इस विनाशकारी बीमारी के उन्मूलन के वैश्विक प्रयासों को लेकर निरंतर प्रतिबद्धता सुनिश्चित करना सम्मान की बात है। मैं टीबी उन्मूलन की दिशा में प्रयासों का नेतृत्व करने के लिए स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड और सचिवालय के साथ काम करने को लेकर उत्साहित हूं।” उन्होंने इस अवसर पर 2025 तक देश में टीबी के उन्मूलन से जुड़ी प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता को दोहराया।
उन्होंने स्टॉप टीबी बोर्ड के निवर्तमान अध्यक्ष, पूर्व केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन का भी आभार व्यक्त किया और उनके मार्गदर्शन में स्टॉप टीबी पार्टनरशिप द्वारा की गई पहलों की सराहना की।
स्टॉप टीबी पार्टनरशिप ने बोर्ड के आगामी उपाध्यक्ष श्री ऑस्टिन अरिन्जे ओबिएफुना, एफ्रो ग्लोबल एलायंस के कार्यकारी निदेशक का भी स्वागत किया – जो इससे पहले स्टॉप टीबी पार्टनरशिप बोर्ड में सबसे बड़े धड़े – डेवलपिंग कंट्रीज एनजीओज (संगठन) का प्रतिनिधित्व करने वाले बोर्ड सदस्य थे। वह एक जनवरी, 2022 से तीन साल की अवधि के लिए बोर्ड के उपाध्यक्ष के रूप में कार्यभार संभालेंगे।
स्टॉप टीबी पार्टनरशिप की कार्यकारी निदेशक डॉ. लुसिका दितिउ ने टीबी उन्मूलन की दिशा भारत द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि नए नेतृत्व का अनुभव और जुनून अगले तीन वर्षों में संगठन को आगे ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।