केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह ने आज दिल्ली में ‘वेस्ट टू वेल्थ’ अवधारणा पर बनाए ‘भारत दर्शन पार्क’ का उद्घाटन किया। दक्षिण दिल्ली नगर निगम द्वारा राजधानी के पंजाबी बाग में निर्मित इस पार्क पर लगभग 20 करोड़ रुपये की लागत आई है। पार्क में विभिन्न राज्यों की 21 प्रसिद्ध ऐतिहासिक इमारतें तथा एक बरगद के पेड़ का प्रतिरूप लोहे के खराब समान, बिजली के खम्बे, पुरानी कारों, ट्रकों, पार्कों की ग्रिल, ऑटोमोबाईल पार्ट्स और पाईप इत्यादि से बनाया गया है। इन कलाकृतियों को 8 कलाकारों, 22 सहायक कलाकारों तथा लगभग 150 कारीगरों ने मिलकर, कोरोना काल में लगभग 22 महीने में तैयार किया है।
इस अवसर पर अपने संबोधन में केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज 25 दिसंबर के दिन इस भारत दर्शन पार्क का उद्घाटन हो रहा है और ये कॉन्सेप्ट अपने आप में मूर्त स्वरूप ले रहा है, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। 25 दिसंबर दो ऐसे महापुरूषों का जन्मदिन है जिन्होंने भारत के इतिहास में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भारत रत्न महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी, जिन्होंने अपना पूरा जीवन भारतीयता, भारतीय संस्कृति, अपनी भाषाएं और स्वधर्म के संरक्षण और संवर्धन के लिए व्यतीत किया। वे आज़ादी के आंदोलन के प्रखर योद्धा भी रहे। उन्होंने जब बनारस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना की तब उन्होंने कहा था कि हमारी चिरपुरातन संस्कृति के आधार पर, ज्ञान के भंडार को तो आगे ले जाना ही है लेकिन साथ ही बच्चों को भी आधुनिक शिक्षा से युक्त करना है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा बनाई गई नई शिक्षा नीति में एक प्रकार से पंडित मालवीय जी के विचारों की प्रतिध्वनि भी सुनाई देती है। श्री शाह ने कहा कि आज भारत रत्न श्रद्धेय अटल जी का भी जन्मदिन है। इस देश में स्वराज से सुराज तक जाने की कल्पना और उसकी नींव डालने का काम श्रद्धेय अटल जी ने किया। इस देश में सबसे पहले सुशासन के विचार को मूर्त स्वरूप देने का काम भी श्रद्धेय अटल जी ने किया। अटल जी की राष्ट्रभक्ति की स्वीकृति पार्टी की सीमाओं से ऊपर थी और कोई इस विषय में उन पर संदेह नहीं कर सकता था।
केन्द्रीय गृहमंत्री ने कहाकि आज भारत दर्शन पार्क का लोकार्पण हो रहा है। कचरे से कंचन की यात्रा कैसी होती है, ये पार्क इसका जीवंत उदाहरण है। वेस्ट से वेल्थ की कल्पना कैसे चरितार्थ होती है और एक साथ कई सारे संदेशों जैसे, स्वच्छ भारत, कौशल निर्माण, देश की सांस्कृतिक एकता को बनाए रखना, पर्यटन को बढ़ावा देना की पूर्ति एक ही पार्क के माध्यम से दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने की है। साढ़े आठ एकड़ भूमि पर भारत दर्शन पार्क बना है जहां अनेक राज्यों की 21 प्रसिद्ध ऐतिहासित इमारतें, जो भारत की संस्कृति की झलक दिखाती हैं, यहां इस प्रकार से बनाई गई हैं कि देखने वाले को लगे कि वो उसी इमारत के स्थान पर खड़ा है। चाहे ताजमहल हो, अजंता ऐलोरा की गुफ़ाएंहों, गेट वे ऑफ़ इंडिया हो, हवा महल हो, मीनाक्षी मंदिर हो, जगन्नाथपुरी, बद्रीधाम, रामेश्वरम हो, चाहे मैसूर पैलेस हो, हम्पी के रथ हों, इन्हें मूर्त रूप देने का काम यहां किया गया है। यहां 350 टन स्क्रैप का इस्तेमाल कर 21 इमारतें बनाई गई हैं जो पूरे भारत को एक प्रकार से एक ही जगह लाकर खड़ा कर देती हैं।
केन्द्रीय गृहमंत्री ने कहाकि दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने कई काम किए हैं। विशेषकर पर्यावरण के लिए जितने भी फ़्लाई ओवर हैं, उनके नीचे पेड़-पौधे लगाकर उनका सौंदर्यीकरण किया है। 31 बंजर पड़े भूखंडों को पार्क में तब्दील करने का काम किया है और फ़िट इंडिया के तहत 1100 से अधिक पार्कों में आउट डोर जिम की व्यवस्था की है। अभी तक 27 सीवरेज ट्रीट में प्लांट लगाए हैं, पांच तालाबों को पुनर्जीवित किया है और पहला जलशक्ति पार्क भी बनाया है।
श्री अमित शाह ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने दिल्ली के लिए ढेर सारे काम किए हैं।मोदीजी के मन में देश की राजधानी कैसी हो, इसका एक खाका खींचा हुआ है और भारत सरकार ने अपने अधिकार क्षेत्र का उपयोग कर कई काम किए हैं जिससे दिल्ली देश की राजधानी के अनुरूप गौरव के साथ विश्व के सामने खड़ी रहती है।अनधिकृत क़लोनियों को नियमित करने का एक बहुत बड़ा काम नरेन्द्र मोदी जी ने किया और छह से ज़्यादा क़ानूनों में रियायत देकर मोदी जी ने बहुत कम लागत से सबको अपना अघिकार देने का काम किया है। 1731 अनधिकृत कॉलोनियों और 40 लाख लोगों को लाभान्वित करने की ये योजना है। इन सिटु आवास परि योजना के अंतर्गत लगभग 35 हज़ार झुग्गियों के स्थान पर दो कमरे वाले आधुनिक सुविधाओं वाले आवास सिर्फ़ दो लाख 40 हज़ार रूप में देना बहुत बड़ी उपलब्धि है। लगभग 85 हज़ार झुग्गियों में रहने वाले इस से लाभान्वित होंगे। यमुना रिवर फ़्रंट का पुनर्निर्माण और सौंदर्यीकरण, मेट्रो रेल में प्रतिवर्ष 25 किलोमीटर का विस्तार और 2014 के बाद लगभग 112 किलोमीटर नई मेट्रो लाइन का लोकार्पण हो चुका है, जिसमें 12 हज़ार करोड़ रूप भारत सरकार ने लगाए हैं।
केन्द्रीय गृहमंत्री ने कहा कि कोरोना काल में सबसे पहले भारतीय वैज्ञानिकों ने दो टीके बनाए और भारत सरकार ने समय पर इन्हें लोगों को उपलब्ध कराया और 130 करोड़ जनता को टीके लगाने का काम वैज्ञानिक तरीक़े से तकनीक का उपयोग करते हुए किया।ये आज यह दुनियाभर के लिए अजूबा है कि कोई व्यक्ति कोविड का टीका लगवाता है तो 30 सेकेंड के अंदर उसके मोबाइल पर सर्टिफिकेशन पहुंच जाता है और 30 सेकंड में उस व्यक्ति का नाम देश के वैक्सीन लेने वाले नागरिकों के रजिस्टर में शामिल हो जाता है।अनेक देश यह देखकर आज भी अचंभित हैं कि पहला और दूसरा डोज़ मिलाकर हम 130 करोड़ वैक्सीन दे चुके है। 130 करोड़ लोगों का वैक्सीनेशन कहीं पर भी हो हल्ला किए बिना, पूरे देश ने इसकी प्रशंसा की है और 130 करोड़ का वैक्सीनेशन मोदी जी ने एक दम सरलतरी के से फ्री ऑफ कॉस्ट किया।आपको आश्चर्य होगा कि हमने कोई ढोल पीट ने का कामन हीं किया है। 80 करोड़ लोगों को होली तक प्रति व्यक्ति पांच किलो अनाज फ्री ऑफ कॉ स्ट उस के घर में देने का काम देश के प्रधानमंत्री जी ने किया है।
श्री अमित शाह ने कहा कि इस देश में दो प्रकार की कार्य संस्कृति है। एक कार्य संस्कृति यह है जो कहते हैं वह करते हैं। चाहे दिल्ली का विकास हो, चाहे कोरोना के खिलाफ लड़ना हो, चाहे देश की सुरक्षा को सुनिश्चित करना हो, चाहे देश के अर्थतंत्र को गति दे कर दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाना हो, चाहे ढेर सारे प्रशासनिक सुधार करने हों, चाहे ढेर सारी नीतियों का निर्माण करना हो, नई शिक्षा नीति लाना हो, शहरी विकास के नए मानक गढ़ना हो, ग्रामीण विकास के अंतर्गत देश के 60 करोड़ से ज्यादा गरीबों को घर, गैस, बिजली, शौचालय, अनाज और स्वास्थ्य की सुविधाएं पहुंचानी हों और शुद्ध पीने का पानी भी, यह सारी चीजें जो प्रधानमंत्री जी ने 2014 और 2019 के चुनाव में कही थीं, इन्हें करके दिखाया है। सालों पुराना एक विवाद विवाद मोदी जी के नेतृत्व में समाप्त हुआ है और आज अयोध्या में आकाश छूने वाला एक गगनचुंबी मंदिर बनने वाला है। उन्होंने कहा कि एक ओर तो ये संस्कृति है जो हम कहते हैं, वो करते हैं। मोदी जी के नेतृत्व में हमारी पार्टी की जितनी भी राज्य सरकारें और केंद्र सरकार ने इस कार्य संस्कृति को स्वीकार किया है और इस कार्य संस्कृति को स्थापित करने का काम किया है। दूसरी ओर एक संस्कृति है, करो या ना करो, विज्ञापन करो, अपनी फोटो छपवा दो और टेलीविजन पर इंटरव्यू दे दो। उन्होंने कहा कि दिल्ली वालों का भी समय आ गया है कार्यसंस्कृति तय करने का। यहां जो उदाहरण प्रस्तुत किया है वो देशभर के नगर निगमों के लिए अनुकरणीय है। यहां 10 लाख बच्चे भारत एकता पार्क को देखेंगे, उन्हें वेस्ट से बेस्ट का संस्कार भी मिलेगा, भारत की एकात्मता का ज्ञान भी होगा, एक प्रकार से टूरिज्म को भी बढ़ावा देंगे और वही बच्चे पर्यावरण की रक्षा का संकल्प भी कर पाएंगे। श्री अमित शाह ने कहा कि लेकिन अगर दिल्ली के मुख्यमंत्री विज्ञापनों पर पैसा खर्च करने की बजाए नगर निगम का 13,000 हजार करोड़ का बकाया चुका देती तो निगम को दिल्ली की जनता के हित में और भी जनोपयोगी काम करने में आसानी होती।